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नहीं दिया रंजन गोगोई ने कोई भाषण, सादगीपूर्ण रहा चीफ जस्टिस की फेयरवेल पार्टी

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। शुक्रवार 15 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस गोगोई को फेयरवेल पार्टी दी। इस फेयरवेल पार्टी में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पहुंचे, लेकिन मीडिया से दूर रहें। उन्होंने अपने विदाई समारोह में परंपरा से हटकर किसी तरह का कोई भाषण भी नहीं दिया।

suman
Published on: 15 Nov 2019 10:47 PM IST
नहीं दिया रंजन गोगोई ने कोई भाषण, सादगीपूर्ण रहा चीफ जस्टिस की फेयरवेल पार्टी
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जयपुर: चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। शुक्रवार 15 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस गोगोई को फेयरवेल पार्टी दी। इस फेयरवेल पार्टी में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पहुंचे, लेकिन मीडिया से दूर रहें। उन्होंने अपने विदाई समारोह में परंपरा से हटकर किसी तरह का कोई भाषण भी नहीं दिया। उन्होंने एक नोट के जरिए अपना बयान जारी किया और और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का शुक्रिया किया।

चीफ जस्टिस ने बयान में कहा, 'भले मैं शारीरिक रूप से सुप्रीम कोर्ट में मौजूद न रहूं, लेकिन मेरा एक हिस्सा हमेशा सुप्रीम कोर्ट में रहेगा. मुझे इतने समय के कार्यकाल में बहुत सहयोग मिला। मैं सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं.' सुप्रीम बार एसोसिएशन न्यायमूर्तियों के रिटायरमेंट पर फेयरवेल कार्यक्रम का आयोजन करता है।

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सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा कि चीफ जस्टिस गोगोई की इच्छा से विदाई समारोह सादगी से मनाया गया। सुप्रीम कोर्ट में समारोह स्थल पर कोई मंच नहीं लगाया गया। इससे पहले जब भी कोई जस्टिस रिटायर हुए, तो मंच लगाकर समारोह आयोजित किया जाता रहा है।

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ऐसा रहा सफर

18 नवंबर को रंजन गोगोई 65 साल के पूरे हो जाएंगे और इससे पहले 17 नवंबर को आधिकारिक तौर पर चीफ जस्टिस पद से रिटायर हो जाएंगे। चीफ जस्टिस के रूप में रंजन गोगोई का कार्यकाल करीब साढ़े 13 महीने का रहा. इस दौरान उन्होंनें अयोध्या केस और चीफ जस्टिस के ऑफिस को आरटीआई के दायरे में लाने समेत कुल 47 मामलों में फैसले सुनाए। गगोई ने करियर की शुरुआत वकालत से की। पहली प्रैक्टिस गुवाहाटी हाईकोर्ट से की. उनको संवैधानिक, टैक्सेशन और कंपनी मामलों में महारथ हासिल है। रंजन गोगोई को 12 फरवरी 2011 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया था। इसके बाद 23 अप्रैल 2012 को उनको प्रोमोट करके सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बना दिया गया था।

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