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भारत ने तैनात किया जंगी जहाज, चीन और पाकिस्तान कर रहे...

पाकिस्तान और चीन उत्तर अरब सागर में बड़ा सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। इसको देखते हुए भारत ने अरब सागर में अपने जंगी जहाज आईएनएस विक्रमादित्य को तैनात किया है। भारत ने आईएनएस विक्रमादित्य को तैनात करके पाकिस्तान और चीन को सख्त संदेश दिया है।

Dharmendra kumar
Published on: 10 Jan 2020 4:15 PM GMT
भारत ने तैनात किया जंगी जहाज, चीन और पाकिस्तान कर रहे...
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नई दिल्ली: पाकिस्तान और चीन उत्तर अरब सागर में बड़ा सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। इसको देखते हुए भारत ने अरब सागर में अपने जंगी जहाज आईएनएस विक्रमादित्य को तैनात किया है। भारत ने आईएनएस विक्रमादित्य को तैनात करके पाकिस्तान और चीन को सख्त संदेश दिया है। पाकिस्तान और चीन की नौसेना तालमेल को बेहतर करने और सामरिक सहयोग को बढ़ाने के लिए सैन्य अभ्यास कर रही हैं।

पाकिस्तान और चीन की पनडुब्बियां, विध्वंसक जलपोत और फ्रिगेट युद्धपोत हिस्सा ले रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पहले जब आईएनएस विक्रमादित्य अपने मिशन पर था, तो उसमें नौसेना मुख्यालय के टॉप अधिकारी भी सवार थे। जबकि सितंबर में केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आईएनएस विक्रमादित्य में गन मशीन चलाते नजर आए थे।

पाकिस्तान और चीन ने अपना नौसेना अभ्यास सोमवार को उत्तर अरब सागर में शुरू किया। यह 9 दिवसीय नौसेना अभ्यास 14 जनवरी तक चलेगा। पाकिस्तान और चीन ने इस नौसेना अभ्यास को 'सी गार्जियन्स' नाम दिया गया है।

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पाकिस्तान और चीन के बीच यह नौसेना अभ्यास उस समय सामने आया है, जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।

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44 हजार 500 टन वजनी आईएनएस विक्रमादित्‍य 284 मीटर लंबा और 60 मीटर ऊंचा युद्धपोत है। इसकी लंबाई लगभग तीन फुटबॉल मैदानों के बराबर और ऊंचाई करीब 22 मंजिल इमारत के बराबर है। इस युद्धपोत में कुल 22 नौका तल विद्यमान हैं। आईएनएस विक्रमादित्य में नौसेना के 1,600 से ज्यादा जवान तैनात हो सकते हैं।

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इसके अलावा आईएनएस विक्रमादित्य मिग-29K, सी हैरियर, कामोव 31, कामोव 28, सी किंग, एएलएच ध्रुव और चेतक हेलिकॉप्टर समेत 30 से अधिक विमानों को ले जाने की क्षमता है। 8 हजार टन एलएसएचएसडी से अधिक की क्षमता के साथ यह युद्धपोत 7 हजार से अधिक समुद्री मील यानी 13 हजार किलोमीटर से अधिक की सीमा तक की निगरानी करने में सक्षम है।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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