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जंग को तैयार चीन: भारत की ताकत को आंका, सिक्किम में बना रहा हेडक्वार्टर

भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक खूनी झड़प के बाद चीन अब भारत के सख्त रुख से रूबरू होे गया है। जिसके चलते चीन अब इस बार डोकलाम जैसी गलती दोहराना नहीं चाहता है।

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Published on: 27 Aug 2020 5:20 AM GMT
जंग को तैयार चीन: भारत की ताकत को आंका, सिक्किम में बना रहा हेडक्वार्टर
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चीन अमेरिका के प्रभाव का इस्तेमाल एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन को रोकने के लिए कर रहा है लेकिन भारत का ये रुख बिल्कुल सही नहीं है।

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक खूनी झड़प के बाद चीन अब भारत के सख्त रुख से रूबरू होे गया है। जिसके चलते चीन अब इस बार डोकलाम जैसी गलती दोहराना नहीं चाहता है। ऐसे मे यही वजह है कि भारत के साथ चल रही तनातनी के बीच चीन भारत से लगी 3500 किलोमीटर से ज़्यादा की LAC पर लगातार अपनी सेना को मजबूत करने में जुटा हुआ है। सन् 2017 में डोकलाम में हुई फजीहत से बचने के लिए चीन बॉर्डर पर अपनी सेना को इकठ्ठा कर रहा है। इसके साथ ही सिक्किम के दूसरी तरफ चीन एक ब्रिगेड हेडक्वार्टर के निर्माण में भी लगा हुआ है।

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भारत से मुक़ाबला करने के लिए

चीन ने अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए भारत से मुक़ाबला करने के लिए सारी तैयारी कर ली है। साथ ही भारत की तैयारी को देखते हुए चीन भी 3500 किलोमीटर से ज़्यादा के बॉर्डर पर अपने हथियारों का ज़ख़ीरा तैनात कर दिया है।

ऐसे में खुफिया रिपोर्ट में इस बात ख़ुलासा हुआ है कि सिक्किम के दूसरी तरफ ग्यांत्से में चीनी सरकार नया ब्रिगेड हेडक्वार्टर तैयार कर रहा है। हालांकि इसका काम जनवरी 2020 में ही शुरू किया जा चुका है लेकिन बीते कुछ दिनों से इस काम में तेजी लाई गई है। हालांकि अभी तक इस इलाके में चीनी पीएलए की एक बटालियन तैनात थी लेकिन अब यहां पर एक बड़े चीनी सेना के अधिकारी को तैनात किया जाएगा।

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600 गाड़ियों के रखे जाने की व्यवस्था

साथ ही कुछ तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है कि यहां पर 6 बटालियन के रूकने का इंतेजाम होगा। इस सैन्य ठिकाने में सेना का हेडक्वाटर, ऐडमिनिस्ट्रेशन एरिया और करीब 600 गाड़ियों के रखे जाने की व्यवस्था है।

सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो जनवरी 2020 में शुरू हुआ निर्माण 2021 की गर्मियों तक पूरा भी हो जाएगा। चीनी सेना के एक आर्टेलरी बटालियन को ग्यांत्से से 14 किलोमीटर दूर तौनात किया है जो कि ल्हासा में तैनात 54 कम्बाइंड आर्मड ब्रिगेड का हिस्सा है।

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