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चीनी साइबर अटैक: मुंबई के बाद हैकर्स का टारगेट तेलंगाना, ब्लैकआउट की साजिश

चीनी हैकर्स ने मुंबई के जैसे ही तेलंगाना में भी ब्‍लैकआउट करने की कोशिश की है। हालांकि कंप्‍यूटर इमरजेंसी रिस्‍पांस टीम ऑफ इंडिया की सतर्कता के चलते चीनी हैकर्स की ये कोशिश को नाकाम हो गयी है।

Ashiki
Published on: 3 March 2021 4:25 AM GMT
चीनी साइबर अटैक: मुंबई के बाद हैकर्स का टारगेट तेलंगाना, ब्लैकआउट की साजिश
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चीनी साइबर अटैक: मुंबई के बाद हैकर्स का टारगेट तेलंगाना, ब्लैकआउट की साजिश

नई दिल्‍ली: पिछले साल महाराष्ट्र के कई शहरों में बहुत बड़ा पावर कट हुआ था। राज्य के कई शहर अंधेरे में डूब गए थे। उस पावर कट को लेकर एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया कि वो पावर कट एक साइबर अटैक था, जो चीन ने कराया था। अब इससे जुड़ी एक और बड़ी खबर आ रही है।

तेलंगाना में भी ब्‍लैकआउट की कोशिश

चीनी हैकर्स ने मुंबई के जैसे ही तेलंगाना में भी ब्‍लैकआउट करने की कोशिश की है। हालांकि कंप्‍यूटर इमरजेंसी रिस्‍पांस टीम ऑफ इंडिया की सतर्कता के चलते चीनी हैकर्स की ये कोशिश को नाकाम हो गयी है। जानकारी के मुताबिक चीनी हैकर्स ने तेलंगाना के टीएस ट्रांस्‍को और टीएस गेनको पावर सिस्‍टम को हैक करने की कोशिश की थी। बता दें, टीएस ट्रांस्‍को और टीएस गेनको तेलंगाना की प्रमुख पावर यूटिलिटी हैं।

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पावर सप्‍लाई को बाधित करना चाहते थे चीनी हैकर्स

मामले की जांच में सामने आया है कि चीनी हैकर्स पावर सप्‍लाई को बाधित करना चाहते थे। साथ ही यहां का डेटा भी चुराना चाहते थे। जानकारी के मुताबिक गेनको ने इस खतरे को भांपकर संदिग्‍ध आईपी एड्रेस को ब्‍लॉक किया और दूरस्‍थ जगहों से काम कर रहे अफसरों और पावर ग्रिड के यूजर डेटा को बदल दिया है।

एक नए रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मध्‍य 2020 के बाद से अब तक कम से कम 12 संगठनों, प्रारंभिक बिजली केंद्रों और लोड डिस्‍पैच सेंटर्स के कंप्‍यूटर्स को चीनी हैकर्स ग्रुप की ओर से निशाना बनाने की कोशिश की गयी है। ये हैकर्स इन कंप्‍यूटर में मैलवेयर पहुंचाने की कोशिश कर चुके हैं ताकि बड़े स्‍तर पर सेवाओं को बाधित किया जा सके।

न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेट के इस्‍तेमाल पर नजर रखने वाली अमेरिकी कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर ने दावा किया है चीनी हैकर्स की ओर से अब तक जहां हैकिंग की कोशिशें की गई हैं, उनमें एनटीपीसी, 5 रिजनल लोड डिस्‍पैच सेंटर और दो बंदरगाह भी शामिल हैं।

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इतना ही नहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हैकिंग की यह गतिविधियां मई 2020 में लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष की शुरुआत से पहले ही शुरू हो गई थीं। 2020 के मध्‍य से ही भारत के बिजली क्षेत्र को निशाना बनाने के लिए चीनी संगठनों द्वारा एक विशेष सॉफ्टवेयर के इस्‍तेमाल में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

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