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मोदी सरकार ने इस बड़ी योजना के लिए 28 हजार 600 करोड़ रुपये कर दिये मंजूर

स्वच्छ गंगा अभियान को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने 28,600 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की 305 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। गुरुवार को लोकसभा को यह जानकारी दी गई।

Aditya Mishra
Published on: 21 Nov 2019 8:06 PM IST
मोदी सरकार ने इस बड़ी योजना के लिए 28 हजार 600 करोड़ रुपये कर दिये मंजूर
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नई दिल्ली: स्वच्छ गंगा अभियान को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने 28,600 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की 305 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। गुरुवार को लोकसभा को यह जानकारी दी गई।

जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, मंत्री ने कहा कि अब तक 28,613.75 करोड़ की अनुमानित लागत की कुल 305 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। जिसमें से 109 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और बाकी कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

भारत सरकार ने राष्ट्रीय नदी गंगा और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण उन्मूलन, संरक्षण और कायाकल्प के प्रभावी उद्देश्यों को 31 दिसंबर 2020 तक पूरा करने के लिए कुल 20,000 करोड़ रुपये की बजटीय व्यवस्था के साथ नमामि गंगे कार्यक्रम शुरू किया था।

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उन्होंने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा किए गए विभिन्न प्रदूषण उन्मूलन पहलों के कारण ही 2014 की तुलना में 2019 में गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

मंत्री ने कहा कि गंगा में घुलित ऑक्सीजन के स्तर में 32 स्थानों में सुधार हुआ है, जबकि बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) के स्तर और फोकल कोलीफार्म्स में क्रमशः 39 और 18 स्थानों पर सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में 379 एमएलडी नई सीवेज उपचार क्षमता जोड़ी गई है, जिसमें से पिछले एक वर्ष के दौरान 169 एमएलडी सीवेज उपचार क्षमता बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 1954 एमएलडी सीवेज उपचार क्षमता है।

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मई 2015 नमामि गंगे कार्यक्रम की शुरुआत

नमामि गंगे कार्यक्रम मई 2015 में एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाकर शुरू किया गया था जिसमें गंगा प्रदूषण को प्रभावी ढंग से समाप्त कर संरक्षण देने का एकीकृत कार्यक्रम शामिल था। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत, गंगा नदी की सफाई और कायाकल्प के लिए विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं की गई हैं।

इनमें सीवेज, औद्योगिक अपशिष्ट, ठोस अपशिष्ट आदि प्रदूषण का उन्मूलन, नदी प्रबंधन, अविरल धारा, ग्रामीण स्वच्छता, वनीकरण, जैव विविधता संरक्षण, सार्वजनिक भागीदारी आदि गतिविधियां शामिल हैं।

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Aditya Mishra

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