TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

झमझमा के बरसेगें बादल: खुशनुमा होगा माहौल, मौसम विभाग ने जारी की रिपोर्ट

कोरोना वायरस तो अपनी चाल बदल नहीं रहा है लेकिन इसके साथ मौसम की जानकारी रखना भी बहुत जरूरी है। भारतीय मौसम विभाग ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि, इस साल के पहले दक्षिण-पश्चिम मानसून का पूर्वानुमान जारी कर दिया है।

Vidushi Mishra
Published on: 15 April 2020 2:55 PM IST
झमझमा के बरसेगें बादल: खुशनुमा होगा माहौल, मौसम विभाग ने जारी की रिपोर्ट
X
झमझमा के बरसेगें बादल: खुशनुमा होगा माहौल, मौसम विभाग ने जारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली: कोरोना वायरस तो अपनी चाल बदल नहीं रहा है लेकिन इसके साथ मौसम की जानकारी रखना भी बहुत जरूरी है। भारतीय मौसम विभाग ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि, इस साल के पहले दक्षिण-पश्चिम मानसून का पूर्वानुमान जारी कर दिया है। इस साल बादल झमाझम बरसेंगे। भारतीय मौसम विभाग ने 100 फीसदी बारिश का पूर्वानुमान दिया है।

ये भी पढ़ें... खेल रहे जान से: तेजी से बढ़ रहा मौत का तांडव, नहीं मान रहा यूपी का ये राज्य

बता दें कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचीव माधवन राजीवन ने जानकारी देते हुए कहा कि मानसून के मौसम 2020 के दौरान मात्रात्मक रूप से मानसून वर्षा, मॉडल त्रुटि के कारण +5 या -5% की त्रुटि के साथ इसकी लंबी अवधि के औसत का 100% होने की उम्मीद है।

आगामी मानसून

जानकारी के अनुसार, दिल्ली में मानसून आने की तारीख 29 जून के बजाय 27 जून बताई गई है। केरल में मानसून के 1 जून तक पहुंच जाने की उम्मीद है।

साथ ही आईएमडी के मुताबिक चेन्नई के लिए 4 जून, पंजाब 7 जून, हैदराबाद में 8 जून, पुणे में 10 और मुंबई में 11 जून तक मानसून दस्तक दे सकता है। इस बार मानसून 10 दिन देरी से विदा होगा। ये परिवर्तन जलवायु में आ रहे परिवर्तनों के चलते देखे जा रहे हैं।

4 महीने का दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल से शुरू होता है। ये कृषि अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश में सालाना हो वाली बारिश का 75% इसी मानसून से होती है। दक्षिण-पश्चिम मानसून खरीफ की फसल जैसे धान, मोटे अनाज, दालें और तिलहन बोने के लिए भी अहम है।

ये भी पढ़ें...इस देश को खतरा: ट्रंप की ‘गेम चेंजर’ दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन बनी वजह

जून से सितंबर के बीच होने वाली मानसून

मौसम विभाग ने 15 अप्रैल, 2019 को मानसून 2019 का अपना पूर्वानुमान जारी किया था। मौसम विभाग ने दीर्घावधि औसत की तुलना में 96% मानसून वर्षा की संभावना जताई थी। इसमें 5% का एरर मार्जिन भी रखा गया था। 4 महीनों के मानसून सीजन में औसतन 887 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन बीते साल इतनी बारिश नहीं हुई।

इसके साथ ही बता दें कि भारतीय मौसम विभाग जून से सितंबर के बीच होने वाली मानसून वर्षा का पूर्वानुमान दो चरणों में जारी करता है। पहला पूर्वानुमान अप्रैल में जबकि दूसरा अनुमान जून में जारी किया जाता है।

ये भी पढ़ें...दिक्कतों के बावजूद वायनाड ने दिखाया दम, अब तक तीन पॉजिटिव



\
Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story