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कई दशकों में सबसे ठंडा मौसम, अभी और आएंगे बुरे दिन, जानें क्यों पड़ रही इतनी ठंड
सर्दियों का ये मौसम सबको हैरान किये हुए है। यह भारत में कई दशकों में सबसे ठंडा बना हुआ है। कई शहरों में पारा सामान्य स्तर से दस डिग्री नीचे तक चल रहा है। दिल्ली में तो 1901 के बाद से इस बार सबसे अधिक ठंड रही और न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री तक पहुंच गया।
लखनऊ: सर्दियों का ये मौसम सबको हैरान किये हुए है। यह भारत में कई दशकों में सबसे ठंडा बना हुआ है। कई शहरों में पारा सामान्य स्तर से दस डिग्री नीचे तक चल रहा है। दिल्ली में तो 1901 के बाद से इस बार सबसे अधिक ठंड रही और न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री तक पहुंच गया।
रिकॉर्ड के अनुसार दिसंबर 2019 में दिल्ली में लगातार 18 'कोल्ड डेज' दर्ज किए गए। इसके पहले दिसंबर 1997 में 17 'कोल्ड डे' दर्ज हुए थे। इस दिसंबर-जनवरी में पश्चिमी और उत्तरी भारत में 119 वर्षों में दूसरा सबसे ठंडा मौसम है।
यहां तक कि दक्षिण भारत में लगभग सौ वर्षों में सबसे अधिक ठंड का अनुभव किया। उत्तर पूर्व में भी और विशेष रूप से नागालैंड के कई हिस्सों में, इस साल की सर्दी शायद सबसे ठंडी रही है। सर्दियों की बारिश भी इस बार देर से हुई है जिस कारण अब जनवरी के अंत तक सर्दी से राहत मिलने की उम्मीद कम ही है।
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पश्चिमी और उत्तरी भारत में सर्दियां हाल के वर्षों में लगातार ठंडी होती जा रही हैं और विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तो और भी बुरे दिन आने बाकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और तेजी से शहरीकरण के कारण ऐसा हो रहा है।
बीते दशकों के दौरान मौसम का पैटर्न अप्रत्याशित रहा है। इस बार की सर्दियां चरम जलवायु का एक और उदाहरण बन सकती हैं। दुनिया भर में, पिछले कुछ वर्षों में गर्म हवाओं और ठंडे मौसम की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि हुई है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया में भयानक आग और अब अतिवृष्टि से बाढ़, यूरोप में गर्मी, दुबई में बर्फबारी और बाढ़– ये सब तेजी से बढ़ते खतरे के संकेत हैं। भारत में अबतक के सबसे गर्म 15 सालों में 11 सिर्फ 2005-2019 में रिकॉर्ड हुए हैं।
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साल 2019 तो लगातार 22वां साल ऐसा है, जब सामान्य से अधिक तापमान रहा। 2010-19 सबसे अधिक गर्म दशक भी रहा है। बीते साल भारतीय समुद्र में आठ चक्रवात भी आये, जबकि सामान्य स्थिति में इनकी संख्या पांच होती है। वैश्विक स्तर पर 2019 दूसरा या तीसरा सबसे गर्म साल हो सकता है।