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Politic: INDIA की मुंबई बैठक से पहले कांग्रेस का बड़ा सियासी दांव,PM चेहरे के रूप में राहुल गांधी के नाम का ऐलान

Politic: प्रधानमंत्री मोदी के लाल किले पर किए गए भाषण का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई भी भविष्यवाणी करना संभव नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को अहंकारी न बनने की सलाह भी दी।

Anshuman Tiwari
Published on: 27 Aug 2023 12:47 PM IST
Politic: INDIA की मुंबई बैठक से पहले कांग्रेस का बड़ा सियासी दांव,PM चेहरे के रूप में राहुल गांधी के नाम का ऐलान
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INDIA Mumbai Meeting (Photo: Social Media)

Politic: विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की मुंबई में होने वाली बैठक से पूर्व कांग्रेस ने बड़ा सियासी दांव चल दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अगले साल होने वाली सियासी जंग में राहुल गांधी को कांग्रेस की तरफ से पीएम पद का चेहरा बताया है। गहलोत के इस ऐलान की टाइमिंग भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में विपक्षी दलों के गठबंधन की तीसरी बैठक होने वाली है।
जदयू नेताओं की ओर से नीतीश कुमार और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की ओर से ममता बनर्जी का नाम पीएम चेहरे के रूप में आगे किए जाने के बाद कांग्रेस नेता की ओर से राहुल गांधी का नाम आगे बढ़ाया गया है। मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहत निकाल मिलने के बाद राहुल गांधी की सांसदी बहाल हो चुकी है और उनके अगले साल चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो चुका है। ऐसे में गहलोत के इस ऐलान को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है।

विपक्षी दलों से चर्चा के बाद फैसले का दावा

राजस्थान में भाजपा के खिलाफ बड़ी जंग लड़ने की कोशिश में जुटे हुए गहलोत ने एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में बड़ा दावा किया। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को पीएम फेस बताते हुए कहा कि 26 विपक्षी दलों से विचार विमर्श करने के बाद यह फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि जनता के दबाव के कारण ही विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया बन सका है। किसी भी चुनाव के दौरान स्थानीय कारक बड़ी भूमिका निभाते हैं। देश में मौजूदा हालात के कारण विपक्षी दलों पर जनता का दबाव बना जिसके बाद विपक्षी दलों की एकजुटता कायम हो सकी है।

पीएम मोदी को नहीं मिलेगा 50 फ़ीसदी वोट

गहलोत ने कहा कि यदि 2014 के लोकसभा चुनाव को देखा जाए तो प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ 31 फ़ीसदी वोट पाने में कामयाब हो सके थे। 69 फ़ीसदी लोगों ने उनके खिलाफ मतदान किया था। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए के 50 फ़ीसदी वोट पाने के दावे पर गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इतने वोट हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाएंगे।
गहलोत ने कहा कि 2014 में पीएम मोदी अपनी लोकप्रियता के चरम पर थे और उसे समय वे ऐसा कर सकते थे मगर अब उनके लिए ऐसा कर पाना संभव नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की अगुवाई में एनडीए का वोट शेयर और कम हो जाएगा। चुनाव नतीजे की घोषणा के बाद ही देश का अगला प्रधानमंत्री थे होगा।

पीएम को अहंकारी न बनने की सलाह

प्रधानमंत्री मोदी के लाल किले पर किए गए भाषण का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई भी भविष्यवाणी करना संभव नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को अहंकारी न बनने की सलाह भी दी। गहलोत ने कहा कि देश के भविष्य का फैसला देश के मतदाता करेंगे और लोगों की पसंद का सम्मान किया जाना चाहिए। 2014 में लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने समय-समय पर देश की जनता के साथ तमाम वादे करते रहे हैं मगर उन वादों का क्या हश्र हुआ,यह सभी को पता है।

उन्होंने चांद की सतह पर चंद्रयान तीन की सफल लैंडिंग का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी को दिया। उन्होंने कहा कि इन दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों की कड़ी मेहनत के कारण ही देश आज इतनी बड़ी कामयाबी हासिल करने में कामयाब हो सका है।

बघेल भी कर चुके हैं राहुल की वकालत

गहलोत से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी 2024 में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने की मांग की थी। उनका कहना था कि कांग्रेस नेता के तौर पर मुझे लगता है कि राहुल गांधी को ही अगले साल प्रधानमंत्री पद का चेहरा होना चाहिए। उनका कहना था कि विपक्षी गठबंधन का उद्देश्य तानाशाह लोगों को सत्ता से बेदखल करना है। विपक्षी दलों के बीच किसी भी प्रकार के मतभेद को बातचीत के जरिए सुलझा जा सकता है।

जदयू की ओर से नीतीश की पैरवी

मुख्यमंत्री गहलोत और बघेल की ओर से राहुल गांधी का नाम पीएम फेस के लिए आगे जरुर बढ़ाया गया है मगर दूसरी ओर जदयू के नेता भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम आगे करने में जुटे हुए हैं। बिहार सरकार के मंत्री जमा खान के बाद अब राज्य के एक और मंत्री श्रवण कुमार सिंह ने भी नीतीश कुमार के बारे में बड़ा बयान दिया है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग चाहते हैं कि नीतीश कुमार विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनें। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वैसे नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने या इंडिया गठबंधन का संयोजक बनने के इच्छुक नहीं है।
श्रवण कुमार सिंह से पहले बिहार सरकार के एक और मंत्री जमा खान ने भी नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री का सबसे योग्य उम्मीदवार बताया था। उनका कहना था कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण हैं और इसलिए विपक्ष की ओर से उन्हें पीएम पद का चेहरा बनाया जाना चाहिए।

टीएमसी ने ममता का नाम बढ़ाया आगे

कांग्रेस और जदयू नेताओं की ओर से इन बयानों के बीच तृणमूल कांग्रेस की ओर से ममता बनर्जी का नाम लगातार आगे किया जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस की ओर से ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री बनने के लिए सोशल मीडिया पर बाकायदा अभियान चलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर पार्टी की ओर से पहली बार ऐसी मोहिम शुरू की गई है। हालांकि पार्टी नेता समय-समय पर ममता को पीएम फेस बनाने की मांग करते रहे हैं।
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने हाल में कहा था कि प्रधानमंत्री पद के लिए ममता बनर्जी से ज्यादा योग्य और सही उम्मीदवार कोई दूसरा नेता नहीं है। उनका कहना था कि यदि ममता बनर्जी से ज्यादा योग्य कोई दूसरा उम्मीदवार है तो उसका नाम खोजकर बताया जाना चाहिए।

अब मुंबई बैठक पर सबकी निगाहें

पीएम चेहरे के लिए विपक्षी दलों के बीच तेज होते सियासी घमासान के बीच अब सबकी निगाहें विपक्षी दलों की मुंबई बैठक पर लगी हुई हैं। इस बैठक से पहले गहलोत की ओर से राहुल गांधी को पीएम फेस बताने का ऐलान कांग्रेस की सोची समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। हालांकि विपक्षी दल अभी तक पीएम फेस घोषित करने से बचते रहे हैं मगर माना जा रहा है कि कांग्रेस ने विपक्ष के अन्य दलों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
संसद में राहुल गांधी की वापसी के बाद पहले ही इस बात की संभावना जताई जा रही थी। वैसे पीएम चेहरे का मामला काफी जटिल माना जा रहा है और यह देखने वाली बात होगी कि विपक्षी दलों के नेता इस मुद्दे को सुलझाने में कहां तक कामयाब हो पाते हैं।



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Anshuman Tiwari

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