देश के दोनों सबसे बड़े दल कार्यकारी अध्यक्षों के हवाले

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद आखिरकार राहुल गांधी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच खबर है कि कांग्रेस ने मोतीलाल वोरा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है।

Dharmendra kumar
Published on: 3 July 2019 12:24 PM GMT
देश के दोनों सबसे बड़े दल कार्यकारी अध्यक्षों के हवाले
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद आखिरकार राहुल गांधी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच खबर है कि कांग्रेस ने मोतीलाल वोरा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। एक अंग्रेजी चैनल के मुताबिक नए अध्यक्ष को लेकर पार्टी में आम सहमति बनने तक मोतीलाल वोरा कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पार्टी का कामकाज देखेंगे। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी में भी जगत प्रकाश नड्डा कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पार्टी का कामकाज देख रहे हैं। यह देखना दिलचस्प है कि देश के दो सबसे बड़े राजनीतिक दलों की कमान अब कार्यकारी अध्यक्षों के हाथ में होगी। वैसे यह भी सच्चाई है कि अमित शाह ने अभी अध्यक्ष पद नहीं छोड़ा है।

कई नामों के बीच वोरा पर सहमति

लोकसभा चुनाव के समय पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जोरदार अभियान छेडऩे वाले राहुल गांधी को अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी। उन्होंने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए करीब डेढ़ महीने पहले ही अध्यक्ष का पद छोडऩे का ऐलान कर दिया था। पार्टी डेढ़ महीने के दौरान उनके विकल्प की तलाश नहीं कर सकी। पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए कई नाम उभरे मगर किसी के नाम पर आम सहमति नहीं बन की। पिछले दो-तीन दिनों से अध्यक्ष पद के लिए सुशील कुमार शिंदे का नाम तेजी से चल रहा था मगर अब पता चला है कि कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में यह जिम्मेदारी मोतीलाल वोरा को सौंपी जा रही है। शिंदे के अलावा अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खडग़े व एके एंटनी का भी नाम अध्यक्ष पद के लिए उछला था।

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गांधी परिवार के करीबी हैं वोरा

मोतीलाल वोरा गांधी परिवार का करीबी माना जाता है और वे पार्टी के कोषाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी निभाते रहे हैं। दस जनपथ पर पार्टी के कार्यक्रमों में हमेशा उनकी दमदार मौजूदगी दिखती रही है। माना जा रहा है कि गांधी परिवार से निकटता के कारण ही उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राहुल गांधी को मनाने की काफी कोशिश की मगर वे कामयाब नहीं हो सके। राहुल अपने इस्तीफे पर अडिग रहे और अब उनका चार पेज का इस्तीफा मीडिया के सामने आया है।

भाजपा को संभाल रहे नड्डा

दूसरी ओर भाजपा की कमान भी इन दिनों कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा के के पास है। लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के साथ दूसरी बार सत्ता में आने पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को मोदी सरकार में केंद्रीय गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी। ऐसे में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष का पद किसी अन्य व्यक्ति को दिए जाने की बात कही थी। इसके बाद बीजेपी के संसदीय बोर्ड की बैठक में जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर मुहर लगी।

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अमित शाह की मदद करेंगे नड्डा

वैसे केंद्रीय गृह मंत्री बनने के बाद भी अमित शाह ने अभी तक अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिया है। भाजपा से जुड़े जानकार सूत्रों के अनुसार अमित शाह अगले 6 महीने तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे। कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नड्डा अमित शाह के साथ मिलकर ही पार्टी का कामकाज देखेंगे। माना जा रहा है कि अमित शाह की व्यस्तता के चलते पार्टी के जुड़ी बैठकों व अन्य कार्यक्रमों का संचालन नड्डा ही करेंगे। कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी ने अभी से पूरी ताकत लगा रखी है। ऐसे में नड्डा की जरुरत को महसूस करके ही उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गयी है। पिछले लोकसभा चुनाव के समय नड्डा उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को कामयाबी से अंजाम दिया था।

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