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Assam election 2021: इस बार नया ध्रुवीकरण, BJP के खिलाफ बने गठबंधन

भाजपा विरोधी मतों का विभाजन रोकने के लिए कांग्रेस, एआईयूडीएफ के साथ कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और सीपीआई (एमएल) और आंचलिक गण मोर्चा ने साझा गठबंधन बना लिया है।

Vidushi Mishra
Published on: 25 Jan 2021 11:39 AM IST
Assam election 2021: इस बार नया ध्रुवीकरण, BJP के खिलाफ बने गठबंधन
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नीलमणि लाल

नई दिल्ली। असम विधानसभा चुनाव में इस बार नए समीकरण बने हैं। एक तरफ गैर भाजपा दल एकजुट हुए हैं तो दूसरी तरफ दो नए क्षेत्रीय दलों ने मिलकर चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। भाजपा विरोधी मतों का विभाजन रोकने के लिए कांग्रेस, एआईयूडीएफ के साथ कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और सीपीआई (एमएल) और आंचलिक गण मोर्चा ने साझा गठबंधन बना लिया है। दूसरी तरफ नागरिकता संशोधन कानून विरोधी आंदोलन से जन्मे असम जातीय परिषद (एजेपी) और राइजर दल ने मिलकर चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। एजेपी अपने साथ बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट को भी शामिल करने की कोशिशों में है। असम में विधानसभा चुनाव के होने की संभावना अप्रैल-मई में जताई जा रही है। इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प होगा। समझा जा रहा है कि असम का चुनाव बंगाल के चुनाव से भी ज्यादा दूरगामी परिणाम वाला होगा।

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भाजपा से सीधा मुकाबला

असम में बने इन दो गठबंधन का सीधा मुकाबला भाजपा अगुवाई वाले गठबंधन से होगा जिसमें भाजपा के साथ असम गण परिषद् भी है। अब भाजपा गठबंधन का निचले असम तथा बराक घाटी में सीधा मुकाबला कांग्रेस गठबंधन से होगा और ऊपरी असम में क्षेत्रीय दलों के गठबंधन से। बोडो बहुल इलाके में अभी गृह मंत्री अमित शाह ने एक विशाल जनसभा की है।

amit shah फोटो-सोशल मीडिया

ये रेस्पोंस भाजपा के लिए उत्साहजनक है। माना जाता है कि बोडोलैंड में प्रमोद बोड़ो के नेतृत्व वाले यूनाइटेड पीपुल्स प्रोग्रेसिव (लिबरेशन) के साथ भाजपा नेतृत्व ने गठबंधन करने का मन बना लिया है। बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद की सत्ता में भाजपा इस गुट के साथ है।

सौ सीटों का लक्ष्य

असम विधानसभा में कुल 126 सीटें हैं और अभी कि स्थिति में और सत्तासीन गटबंधन के पास 75 सदस्य हैं जिनमें भाजपा के 61, असम गण परिषद् के 13 और एक निर्दलीय है। विपक्ष के पास 34 सीटें हैं जिनमें कांग्रेस के 20 सदस्य और एआईयूडीएफ के 14 सदस्य हैं। इसके अलावा बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के 11 सदस्य हैं जबकि 6 सीटें अभी रिक्त ही पड़ी हुईं हैं।

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इस बार के चुनाव में भाजपा गठबंधन 100 से अधिक सीटों को जीतने के लक्ष्य पर आगे बढ़ रहा है। भाजपा को अपनी सीटों को बचाने के लिए साथ-साथ अगप के कब्जे वाली सीटों को बचाना होगा, क्योंकि अगप की हार का असर भाजपा गठबंधन को होगा, इसलिए भाजपा नेतृत्व अपनी सीटों के साथ अगप की सीटों पर भी ध्यान दे रहा है।

भाजपा को हराने में

bjp फोटो-सोशल मीडिया

चूंकि अगर ने अपने धर्मनिपरेक्ष चरित्र को बनाए रखा है, इसलिए संभव है कि अगप को निचले असम में ज्यादा सीटें दी जाएं। क्षेत्रीय दलों के बीच भी सीटों का बंटवारा भी आसान नहीं है। पहले लग रहा था कि भाजपा गठबंधन आराम में सत्ता में वापसी में कर लेगा, लेकिन बदले राजनीतिक समीकरण में विधानसभा का चुनाव दिलचस्प होगा।

भाजपा के लिए 2016 में असम की सत्ता पर कब्जा जमाना जहां एक उपलब्धि थी, वहीं उसके बाद से पार्टी ने राज्य में राजनीतिक और सामाजिक-सांस्कृतिक स्तर पर अपनी पकड़ को लगातार मज़बूत किया है।

भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में राज्य में 14 में से नौ सीटें जीतीं और वहां मुख्य राजनीतिक ताकत रही कांग्रेस को तीन सीटों पर समेट दिया था। सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से उसने लंबे समय से चली आ रही ‘जातीय-गैरजातीय विभाजन अब हिंदू-मुस्लिम और भारतीय-गैरभारतीय वाली बहस में तब्दील हो चुकी है।

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कांग्रेस ने बाँध रखी है उम्मीद

Congress फोटो-सोशल मीडिया

इस चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी के गठंबधन को मात देने के लिए कांग्रेस ने पांच पार्टियों के साथ मिलकर एक महागठबंधन का ऐलान किया है। इस महागठबंधन में कांग्रेस के साथ ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), तीन लेफ्ट पार्टी - कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-मार्क्समवादी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्स वादी-लेनिनवादी) और आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) शामिल हैं।

कांग्रेस का कहना है कि ‘देश के हित के लिए कांग्रेस हमेशा से ही सांप्रदायिक ताकतों को बाहर करने की इछुक रही है। लोग अब भाजपा को वोट देने के लिए तैयार ही नहीं हैं क्योंकि इसके कुशासन ने लोगों को बहुत तंग किया है और लोग इनसे काफी निराश हैं।‘

भाजपा को हराने में

वहीं एआईयूडीएफ ने कहा है कि असम के लिए महागठबंधन काफी अच्छा है क्योंकि यही लोगों की इच्छा और आकांक्षाओं को पूरा करेगा। आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य अजीत कुमार भुइंयाँ ने महागठबंधन के गठन को एक एतिहासिक क्षण बताया है और कहा है कि यह गठबंधन भाजपा को हराने में जरूर कामयाब होगा।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक और बिहार के विधायक शकील अहमद खान को असम में चुनाव प्रचार की कमान सौंपी है।

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Vidushi Mishra

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