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Karnataka Election 2023: कर्नाटक में महिला मतदाताओं से कांग्रेस को खास उम्मीदें,हिमाचल वाला फार्मूला दिखा सकता है असर
Karnataka Election 2023: कर्नाटक में मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही नतीजों को लेकर भी लोगों की उत्सुकता बढ़ती जा रही है। इस बार के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच काफी कड़ा मुकाबला हो रहा है।
Karnataka Election 2023: कर्नाटक में मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही नतीजों को लेकर भी लोगों की उत्सुकता बढ़ती जा रही है। इस बार के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच काफी कड़ा मुकाबला हो रहा है। कई विधानसभा क्षेत्रों में जनता दल एस के प्रत्याशी भी पूरी मजबूती से लड़ाई लड़ रहे हैं। चुनाव से पूर्व किए गए कई सर्वे में कांग्रेस को भाजपा पर बढ़त लेते हुए दिखाया गया है।
इस बार के चुनाव में कांग्रेस को महिला मतदाताओं से काफी उम्मीदें हैं। इसीलिए पार्टी ने हिमाचल वाला फार्मूला अपनाते हुए महिला मतदाताओं के लिए अलग से विशेष घोषणाएं कर रखी हैं। हिमाचल प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस की जीत में सरकारी कर्मचारियों और महिला मतदाताओं की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी गई थी। अब यह देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस कर्नाटक में महिला मतदाताओं का समर्थन पाने में कहां तक कामयाब हो पाती है।
महिलाओं के लिए पार्टी का बड़ा ऐलान
कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ने महिलाओं पर विशेष रूप से फोकस कर रखा है। पार्टी की ओर से गृह लक्ष्मी योजना के तहत हर परिवार की महिला मुखिया को हर माह दो हजार रुपए देने का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा भी मुहैया कराने की घोषणा की गई है।
हिमाचल प्रदेश के चुनाव में भी कांग्रेस की ओर से यह सियासी दांव खेला गया था। हिमाचल प्रदेश में पार्टी ने हर परिवार की महिला मुखिया को 15 सौ रुपए हर माह देने की घोषणा की थी। कर्नाटक में यह राशि पांच सौ रुपए बढ़ाकर दो हजार रुपए कर दी गई है।
हिमाचल प्रदेश में घोषणा का दिखा था बड़ा असर
कर्नाटक की महिला मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के लिए कांग्रेस की ओर से की गई इस घोषणा को बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में महिला मतदाताओं के लिए की गई विशेष घोषणा का खासा असर दिखा था। इसीलिए कांग्रेस ने कर्नाटक में भी इस वादे को दोहराने का कदम उठाया है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत में महिलाओं का बड़ा योगदान था। कांग्रेस की ओर से हर परिवार की महिला मुखिया को हर माह 15 सौ रुपए देने की घोषणा के बाद महिलाओं ने कांग्रेस को व्यापक तौर पर समर्थन दिया था। कर्नाटक बड़ा राज्य है और यहां संसाधनों की भी कमी नहीं है। इसीलिए पार्टी ने यह राशि बढ़ाकर दो हजार रुपए कर दी है। कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के सदस्य इस नेता का दावा है कि कर्नाटक में भी पार्टी महिलाओं का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहेगी।
महिला मतदाताओं से खास उम्मीदें
कर्नाटक के चुनाव में एक बात यह भी उल्लेखनीय है कि राज्य की आधी विधानसभा सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक हैं। कांग्रेस को इस बात की बखूबी जानकारी है कि महिला मतदाताओं का रुख चुनाव का नतीजा तय करने में बड़ी भूमिका निभाएगा। इसीलिए राज्य की सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा देने का भी ऐलान किया गया है।
इसके साथ ही महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने के लिए कई अन्य लुभावनी घोषणाएं भी की गई हैं। ऐसे में अगर पार्टी महिला मतदाताओं का समर्थन हासिल करने में कामयाब रही तो भाजपा को हिमाचल प्रदेश की तरह यहां भी बड़ा झटका लग सकता है।
112 सीटों पर पुरुषों से अधिक महिला मतदाता
कर्नाटक में महिला मतदाताओं का वोट प्रतिशत भी काफी अच्छा रहा है और ऐसे में कांग्रेस को महिला मतदाताओं से खास उम्मीदें हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान पुरुषों का मतदान प्रतिशत 72.40 रहा था जबकि महिलाओं को मतदान प्रतिशत 70.47 था। इसी तरह 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान 72.68 फ़ीसदी पुरुष मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया था जबकि 71.53 फ़ीसदी महिलाएं मतदान करने के लिए पहुंची थीं। इस तरह कर्नाटक के चुनावों में महिलाएं भी बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लेती रही हैं। इस मामले में कर्नाटक का रिकॉर्ड कई अन्य राज्यों से बेहतर रहा है।
कर्नाटक में इस बार 112 विधानसभा सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से ज्यादा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 67 विधानसभा सीटों का था मगर अब इसमें काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऐसे में बुधवार को होने वाले मतदान में महिला मतदाताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
हिमाचल की तरह प्रियंका कर्नाटक में भी सक्रिय
कर्नाटक चुनाव के संबंध में एक उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि हिमाचल प्रदेश की तरह यहां भी प्रियंका गांधी खासी सक्रिय दिखी हैं। हिमाचल प्रदेश के चुनाव में भाजपा को जवाब देने में प्रियंका गांधी ने अग्रिम मोर्चे पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान भी प्रियंका ने भाजपा पर तीखे हमले किए हैं। महिला और युवा मतदाताओं के बीच संपर्क करने में भी प्रियंका गांधी आगे रही हैं। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस महिला मतदाताओं का समर्थन हासिल करने में कामयाब हो पाती है या नहीं।