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''राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे पर लोकसभा चुनाव में जीती भाजपा''

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली शिकस्त के कारणों की समीक्षा के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा बुलाई गई मंत्रियों की बैठक में यह बात निकलकर आई कि भाजपा यह चुनाव राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ी, इसलिए कांग्रेस को मध्यप्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा।

Dharmendra kumar
Published on: 27 May 2019 3:51 AM GMT
राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे पर लोकसभा चुनाव में जीती भाजपा
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भोपाल: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली शिकस्त के कारणों की समीक्षा के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा बुलाई गई मंत्रियों की बैठक में यह बात निकलकर आई कि भाजपा यह चुनाव राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ी, इसलिए कांग्रेस को मध्यप्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा।

इस बैठक में यह भी संकल्प लिया गया कि मध्यप्रदेश की कांग्रेस नीत सरकार को भाजपा द्वारा गिराने के किसी भी प्रयास को विफल किया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में मिली करारी हार की समीक्षा के लिए और विकास के कार्यों में तेजी लाने के लिए आज यहां मंत्रालय में कमलनाथ ने अपने मंत्रियों की बैठक बुलाई।

इस बैठक में कैबिनेट मंत्रियों ने एक स्वर में कहा कि भाजपा यह चुनाव राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ी, इसलिए कांग्रेस को मध्यप्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा।

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उन्होंने कहा कि इसके अलावा, इस बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई, जिसमें भाजपा ने राज्यपाल को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की प्रदेश सरकार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना चाहिये।

मंत्रियों का मत है कि हमारे सभी विधायक एकजुट हैं और भाजपा द्वारा सरकार गिराये जाने की किसी भी षड्यंत्र को हम विफल करेंगे। बैठक के बाद मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम सभी कमलनाथजी के साथ चट्टान के समान खड़े हैं। हमारे पास बहुमत है और सदन में शक्ति परीक्षण के लिए तैयार हैं।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मत है कि भाजपा ने राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे को इस लोकसभा चुनाव में बहुत जोरशोर से उठाया, ताकि उनकी कमियां छिप जाएं। इसी के चलते भाजपा चुनाव जीती। भाजपा के नेतृत्व वाली राजग ने पिछले पांच साल में कुछ भी अच्छा काम नहीं किया।’’

मालूम हो कि मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विधानसभा का विशेष सत्र शीघ्र बुलाने के लिये 20 मई को राज्यपाल को पत्र लिखा था, ताकि सरकार की ताकत का परीक्षण जैसे मामलों को एजेंडे में लिया जा सके। भार्गव के अनुसार वे वित्तीय मामलों में डिवीजन की मांग करेंगे। कांग्रेस की सरकार को मामूली बहुमत है, वह अपने आप भी गिर सकती है।

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मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले ही आरोप लगा चुके हैं कि भाजपा उनके विधायकों को धन का लालच देर उनकी सरकार को गिराने का षड्यंत्र कर रही है।

मालूम हो कि मध्यप्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों के लिए पिछले साल नवंबर में हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी उभर कर आई थी। कांग्रेस ने बसपा के दो विधायकों, सपा के एक विधायक एवं चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन ने सरकार बनाई है। भाजपा 109 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही।

भाषा

Dharmendra kumar

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