×

‘Triple talaq’ अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली अपील न्यायालय में खारिज

उच्चतम न्यायालय ने एक बार में तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) के चलन को दंडनीय अपराध बनाने वाले अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केरल के एक संगठन की याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे।

Anoop Ojha
Published on: 25 March 2019 9:29 AM GMT
‘Triple talaq’ अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली अपील न्यायालय में खारिज
X

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने एक बार में तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) के चलन को दंडनीय अपराध बनाने वाले अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केरल के एक संगठन की याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे।

यह भी पढ़ें.....कांग्रेस का एलान: सत्ता में आए तो तीन तलाक कानून करेंगे खत्म

केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के कुछ घंटों बाद, पिछले साल 19 सितंबर को ‘मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकारों की सुरक्षा) अध्यादेश’ पहली बार अधिसूचित किया गया था।

यह भी पढ़ें....तीन तलाक बिल पर JDU ने बीजेपी को दिया झटका, मंदिर मुद्दे पर पहले ही इंकार

एक बार में तलाक तलाक तलाक कह कर विवाह विच्छेद करने की यह प्रक्रिया तलाक ए बिद्दत कहलाती है। मुस्लिम पुरूष एक साथ तीन तलाक कह कर अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है।

यह भी पढ़ें.....तीन तलाक:तलाक के मामले में हिंदुस्तान के मुसलमान सिर्फ कुरान के कानून को मानते हैं-आजम खान

अध्यादेश में इसी प्रक्रिया को दंडनीय अपराध बनाया गया है।एक साल से भी कम समय में इस अध्यादेश को 21 फरवरी को तीसरी बार जारी किया गया।

(भाषा)

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story