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Coromandel Express Accident: स्कूल में लगा शवों का अंबार, शिनाख्त कठिन, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, संभालना हुआ मुश्किल

Coromandel Express Accident Update: स्कूल में लगा शवों का अंबार,नहीं हो पा रही शिनाख्त,परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल,संभालना हुआ मुश्किल

Anshuman Tiwari
Published on: 4 Jun 2023 3:16 PM IST (Updated on: 4 Jun 2023 3:18 PM IST)
Coromandel Express Accident: स्कूल में लगा शवों का अंबार, शिनाख्त कठिन, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, संभालना हुआ मुश्किल
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Coromandel Express Accident Update (Pic Credit -Social Media)

Coromandel Express Accident Update: ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देश के इस तीसरे सबसे भीषण रेल हादसे के बाद जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। दुर्घटना स्थल के पास स्थित एक स्कूल में हादसे में मरने वालों के शव रखे गए हैं। स्कूल में शवों का अंबार लगा हुआ है, लेकिन सबसे बड़ी मुश्किल यह पैदा हो गई है कि शवों की शिनाख्त नहीं हो पा रही है।

स्कूल बना मुर्दाघर

कई शव टुकड़ों में बंटे हुए हैं तो कई शव जल जाने के कारण उनकी पहचान में मुश्किलें पैदा हो गई है। ऐसे में शवों की शिनाख्त करना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। माना जा रहा है कि शवों की शिनाख्त करने में अभी काफी समय लग सकता है। ओडिशा सरकार की ओर से शिनाख्त के लिए डीएनए की मदद लेने का भी फैसला लिया गया है। अपनों के शवों की तलाश में स्कूल में लोगों की भीड़ लगी हुई है मगर ऐसे लोगों को सांत्वना देने में पुलिस और प्रशासन के लोगों के भी पसीने छूट रहे हैं।

इस कारण शवों की शिनाख्त में हो रही मुश्किल

दुर्घटना स्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे लोगों का कहना है कि अभी मरने वालों की तादाद में और बढ़ोतरी हो सकती है। कई घायलों की हालत भी गंभीर बनी हुई है। यद्यपि ओडिशा सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से घायलों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिश की जा रही है मगर कई लोगों की हालत गंभीर होने के कारण मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

इस भीषण रेल हादसे का शिकार होने वाले लोगों के शव पास स्थित एक स्कूल में रखे गए हैं। इस स्कूल में दिल दहलाने वाला मंजर दिखाई पड़ रहा है। चारों ओर शवों की लंबी कतार लगी हुई है। दूर-दूर से लोग अपनों के शवों की तलाश में स्कूल में डेरा डाले हुए हैं।

कई शवों के क्षत-विक्षत हो जाने के कारण उनकी शिनाख्त मुश्किल हो गई है। कई शव इतनी बुरी तरह जल गए हैं कि उनकी पहचान करना भी काफी मुश्किल हो गया है। ऐसे में तमाम लोग इधर से उधर भटक रहे हैं मगर उन्हें अपनों के शव नहीं मिल पा रहे हैं।

अभी तक सिर्फ 30 शवों की शिनाख्त

राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अफसर का कहना है कि अभी तक करीब 165 शवों को स्कूल लाया जा चुका है। परिजनों की मदद से इन शवों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। अफसर ने कहा कि शिनाख्त में आ रही मुश्किलों के कारण अभी तक इनमें से सिर्फ 30 शवों की शिनाख्त की जा सकी है। कपड़ों और सामानों के जरिए भी शवों की शिनाख्त करने की कोशिश की जा रही है।

स्कूल पहुंचने वाले परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और उन्हें सांत्वना देना भी अफसरों के लिए काफी मुश्किल पैदा कर रहा है। शवों की शिनाख्त के लिए लोगों के मोबाइल फोन और अन्य सामानों की तलाश का काम अभी भी चल रहा है। शवों की शिनाख्त के बाद ही मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू होगी और इसी कारण राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से जल्द से जल्द शवों की शिनाख्त को पूरा करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि अफसरों का यह भी कहना है कि इस काम में काफी समय लग सकता है।

आसपास के अस्पताल घायलों से पटे

इस रेल दुर्घटना में घायल होने वालों को बालासोर, सोरी, भद्रक, जाजपुर और कटक के अस्पतालों में भर्ती किया गया है। बालासोर जिला अस्पताल व सोरो अस्पताल घायलों से पटे पड़े हैं। बड़ी संख्या में मरीजों का अस्पताल के गलियारों में ही स्ट्रेचर पर रखकर इलाज किया जा रहा है। कई मरीजों के बाहर के होने के कारण बातचीत में भाषा भी बाधक बन रही ह।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि भुवनेश्वर स्थित एम्स से भी चिकित्सकों की दो टीमों को बालासोर और कटक भेजा गया है। उन्होंने कहा कि घायलों को इलाज में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। घायल लोगों के इलाज में जुटे डॉक्टरों का भी कहना है कि उन्होंने अपने जीवनकाल में ऐसी त्रासदी कभी नहीं देखी।

हादसे के दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शनिवार को दुर्घटना स्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने घटना के कारणों को जानने की कोशिश की। बाद में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार घायलों के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसके लिए प्रधानमंत्री ने दुर्घटना स्थल से ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से फोन पर बातचीत की और उन्हें घायलों को इलाज मुहैया कराने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास करने का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हादसे के लिए दोषी पाए जाने वालों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस हादसे ने हर किसी को विचलित कर दिया है। इसलिए हर एंगल से दुर्घटना की जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए आवश्यक उपाय भी किए जाएंगे।



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Anshuman Tiwari

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