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Coromandel Exp. Accident: अस्पतालों में जिंदगी बचाने की जंग जारी, युद्ध क्षेत्र जैसे हालात...स्कूल बना अस्थायी मुर्दाघर
Coromandel Express Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे के बाद अस्पतालों के भीतर का मंजर भयावह है। यहां जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष जारी है। लेकिन, मेडिकल स्टाफ जी-जान से जिंदगी बचाने में जुटे हैं।
Coromandel Express Accident : ओडिशा के बालासोर में हुई तीन ट्रेनों की टक्कर के बाद हालात बेहद चिंताजनक हैं। ख़ुशी-ख़ुशी अपने गंतव्य की ओर रवाना लोगों ने कभी ये नहीं सोचा होगा कि उन्हें ऐसे भयावह मंजर भी देखने होंगे। शुक्रवार शाम हुई रेल दुर्घटना के बाद हर तरफ लाशें, अपनों की तलाश और चित्कार ने देश-दुनिया के लोगों को झकझोड़कर रख दिया। घायलों के इलाज लिए चारों और चीख-पुकार का माहौल है। बालासोर के स्थानीय लोग जवानों ने घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया। डॉक्टर घायल यात्रियों की जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
ओडिशा के बालासोर के सरकारी जिला अस्पताल में शनिवार (03 जून) को युद्ध क्षेत्र जैसे हालात देखने को मिले। तस्वीर विचलित करने वाले थे। जिला अस्पताल का कॉरिडोर स्ट्रेचर पर पड़े घायलों से भर गया था। कहीं मरहम-पट्टी, तो कहीं खून चढ़ाने की जद्दोजहद। कॉरिडोर से लेकर अस्पताल के बाहर तक लोगों की भारी भीड़ उमड़ी रही। घायल यात्रियों के इलाज के लिए मशक्कत जारी है। कई डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ बिना रुके 24 घंटे से अधिक समय से जिंदगी बचाने की कोशिशों में जुटे हैं।
अस्पताल में भयावह मंजर, बहादुरी से डटे मेडिकल स्टाफ
कोरोमंडल एक्सप्रेस के साथ दो अन्य ट्रेन टकराने से शुक्रवार (2 जून) की रात बालासोर जिले में भयानक मंजर देखने को मिला। इस भीषण रेल हादसे में 288 लोगों ने जान गंवाई। सरकारी आंकड़ों की मानें तो 746 लोग घायल हैं जबकि, दर्जनों लोगों की हालत बेहद गंभीर बानी हुई है। कई घायल यात्रियों को अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया है। डॉक्टर और मेडिकल कर्मचारी अफरातफरी के बीच जान बचाने की जद्दोजहद में जुटे हैं। मेडिकल स्टाफ बहादुरी से लड़ रहे हैं। स्थानीय लोग ब्लड डोनेट करने खुद आगे आए। एक दिन पहले हुई दुर्घटना के बाद 500 से ज्यादा घायलों को बालासोर जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
अस्पताल में लगे अतिरिक्त बिस्तर
मेडिकल कर्मचारी (medical staff) घायल यात्रियों का जीवन बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। खबरिया चैनल इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल में अधिक से अधिक घायल यात्रियों का इलाज हो सके इसके लिए अतिरिक्त बिस्तर लगाए गए हैं। इसके अलावा, घायलों को बालासोर, सोरो, भद्रक, जाजपुर और कटक के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भेजा गया है।
हाई स्कूल बना अस्थायी मुर्दाघर
अंग्रेजी पोर्टल Indian Express की खबर के अनुसार, ओडिशा में स्थिति कितना भयावह है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य के बहानगा गांव में एक हाई स्कूल को अस्थायी मुर्दाघर (Mortuary) में तब्दील कर दिया गया है। आपको बता दें, कि इंडियन रेलवे ने बताया कि हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है। ट्रेन एक्सीडेंट में मरने वालों की तादात जैसे-जैसे बढ़ती गई, दिनभर लाशों को बाहर निकालने के बाद उन्हें सुरक्षित जगह रखने की चुनौती भी अधिकारियों के सामने आई। ऐसे में अधिकारियों ने घटनास्थल से 300 मीटर दूर इस हाई स्कूल को ही शवों को रखने के लिए चुना। ये फिलहाल अस्थायी मुर्दाघर है।