सिर्फ 12 रुपये में कोरोना जांच: गर्भवती महिला ने किया कमाल, चौंक गया हर देश

जहां पूरी दुनिया कोराना वायरस की आफत से जूझ रहा है वही अब इस महामारी के खिलाफ भारत अब और मजबूती से लड़ाई लड़ेगा। इस जंग को जीतने के लिए एक पहली स्वदेशी किट बनी है जिसे एक महिला वायरोलॉजिस्ट ने बनाया है।

Vidushi Mishra
Published on: 29 March 2020 12:40 PM GMT
सिर्फ 12 रुपये में कोरोना जांच: गर्भवती महिला ने किया कमाल, चौंक गया हर देश
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नई दिल्ली। जहां पूरी दुनिया कोराना वायरस की आफत से जूझ रहा है वही अब इस महामारी के खिलाफ भारत अब और मजबूती से लड़ाई लड़ेगा। इस जंग को जीतने के लिए एक पहली स्वदेशी किट बनी है जिसे एक महिला वायरोलॉजिस्ट ने बनाया है। हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि महिला ने इस किट को अपनी बच्ची को जन्म देने से सिर्फ 4 घंटे पहले तैयार किया है। जीं हां इस होनहार महिला का नाम मीनल दखावे भोंसले है।

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एक सैंपल को जांचने का खर्च मात्र 12 रुपए होगा

बता दें कि मीनल उसी मायलैब डिस्कवरी की रिसर्च और डेवलपमेंट प्रमुख हैं, जिसने यह किट तैयार की है। उन्होंने गर्भावस्था के दौरान ही फ़रवरी में टेस्टिंग किट प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था। और 2 दिन पहले ही मायलैब डिस्कवरी को टेस्टिंग किट तैयार करने और उसकी बिक्री की अनुमति मिली है।

जीं हां यह देश की पहली ऐसी फर्म है, जो कोरोनावायरस किट बेचेगी। इस किट की कीमत 1200 रुपए है। हर किट से 100 सैंपल की जांच हो सकती है। मतलब की एक सैंपल को जांचने का खर्च मात्र 12 रुपए होगा, जबकि विदेशी किट की कीमत 4,500 रुपए है। तो ये है अपने भारत की खोज की गई स्वदेशी किट।

मीनल ने एक इंटरव्यू में किट तैयार करने के बारे में उन्होंने बताया कि 18 मार्च को टेस्टिंग किट की जांच के लिए इसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को सौंपा। उसी शाम को यानी अस्पताल जाने से पहले, उन्होंने इस किट के प्रस्ताव को भारत के फ़ूड एंड ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी (सीडीएससीओ) के पास व्यवसायिक मंजूरी के लिए भेजा। और इसी शाम उन्होंने बेटी को जन्म दिया। वह इस उपलब्धि से बहुत खुश हैं।

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कोरोनावायरस संक्रमण की जांच ढाई घंटे में

मीनल के अनुसार, हमारी किट कोरोनावायरस संक्रमण की जांच ढाई घंटे में कर लेती है, जबकि विदेशी किट में 6 से 7 घंटे का वक्त लगता है। यह किट काफी कम समय में तैयार हुई। आमतौर पर ऐसी किट को तैयार करने में तीन से चार महीने का वक्त लगता है। लेकिन, मौजूदा हालात में हमारे पास वक्त कम था।

इन हालातों में हमारी टीम ने इसे चुनौती के तौर पर लिया और 6 हफ्ते में इसे तैयार कर दिया। लैब के डायरेक्टर डॉ. वानखेड़े भी मीनल के जज्बे की तारीफ करते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पास बेहद कम समय था। हमारी साख का सवाल था। लेकिन, पहली बार में ही सबकुछ ठीक रहा क्योंकि टीम का नेतृत्व मीनल कर रही थीं।

जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार से ब्रिक्री के लिए मंजूरी मिलते ही मायलैब ने टेस्टिंग किट की सप्लाई शुरू कर दी। फर्म के मेडिकल मामलों के निदेशक डॉ. गौतम वानखेड़े ने बताया कि अभी पुणे, मुंबई, दिल्ली, गोवा और बेंगलुरु में 150 टेस्ट किट की सप्लाई की गई है। टीम अब ज्यादा से ज्यादा किट तैयार करने में जुट गई है। सोमवार तक बड़ी संख्या में इसकी सप्लाई की जाएगी।

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ज़रूरत पड़ने पर दो लाख टेस्टिंग किट भी तैयार

किट की खोज करने वाली ये कंपनी मायलैब डिस्कवरी एक मॉलिक्यूलर डायगनॉस्टिक कंपनी है। यहां एचआईवी, हेपिटाइटिस-बी, सी सहित कई अन्य बीमारियों के लिए भी टेस्टिंग किट तैयार की जाती है। कंपनी ने दावा किया है कि वह एक सप्ताह के अंदर एक लाख कोरोनावायरस टेस्ट किट की सप्लाई कर देगी। ज़रूरत पड़ने पर दो लाख टेस्टिंग किट भी तैयार कर सकती है।

आगे मीनल ने बताया कि अगर आपको किसी सैंपल के 10 टेस्ट करने हों तो सभी नतीजे एक जैसे होने चाहिए। कई बार जांच के बाद हमने यह परफेक्शन हासिल किया। आईसीएमआर ने कहा कि मायलैब भारत की इकलौती कंपनी है, जिसकी टेस्टिंग किट के नतीजे 100 फीसदी सही हैं। जीं हां इस किट के निर्माण से कोरोना की जंग जीतने के लिए हमें हथियार भी मिल गया है।

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Vidushi Mishra

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