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बच्चों के लिए वैक्सीन: कंपनी का दावा, हो रहा परीक्षण, जानें कब लगेगा टीका
ऐसा माना जा रहा है कि वैक्सीन के ट्रायल का डाटा उपलब्ध होते ही कंपनियों की तरफ से सरकार के टीके के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए आवेदन किया जाएगा। जिसकी अनुमति मिलते ही बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा।
नई दिल्ली: भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ टीकाकरण शुरू हो चुका है। हालांकि अभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका नहीं दिया जा रहा है। लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन गर्मियों के अंत तक आ सकता है। बच्चों के लिए टीका बनाने में जुटी कंपनियों के परीक्षण का शुरुआती डाटा जून-जुलाई तक आने की उम्मीद जताई जा रही है।
अनुमति मिलते ही शुरू होगा वैक्सीनेशन
ऐसा माना जा रहा है कि वैक्सीन के ट्रायल का डाटा उपलब्ध होते ही कंपनियों की तरफ से सरकार के टीके के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए आवेदन किया जाएगा। जिसकी अनुमति मिलते ही बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा। आपको बता दें कि कोरोना वैक्सीन बनाने वाली अमेरिका की दो कंपनियां फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना 12 से 15 साल की उम्र तक के बच्चों पर तीसरे फेज का ट्रायल कर रही हैं।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
एस्ट्राजेनेका भी कर रही बच्चों के लिए टीका का परीक्षण
दोनों कंपनियों द्वारा आखिरी हफ्ते में परीक्षण शुरू किया गया था। अभी फाइजर के मौजूदा कोरोना वैक्सीन को 16 साल से ज्यााद उम्र के लोगों पर इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। वहीं, ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका भी 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए टीके का परीक्षण कर रही है। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी को इस ट्रायल के लिए छह से 17 साल आयु वर्ग के 300 बच्चों की जरूरत है। इसमें से 240 को कोरोना टीका जबकि 60 को मेनिनजाइटिस वैक्सीन दी जाएगी।
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गर्मी तक मुहैया होगा बच्चों के लिए टीका
ऐसा कहा जा रहा है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन गर्मी के आखिर तक मुहैया हो सकती है। ये दावा बाइडेन सरकार के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर एंथनी फाउची ने किया है। उन्होंने कहा कि गर्मी के आखिर तक कम से कम एक ऐसी वैक्सीन जरूर उपलब्ध करवा सकेंगे। दरअसल, बाइडेन सरकार चाहती है कि वह अपने सौ दिन का कार्यकाल पूरा होने तक बच्चों के लिए टीका मार्केट में उपलब्ध करा दे, ताकि प्राथमिक स्कूल दोबारा खोला जा सके।
भारत में कब होगा मुहैया
इसके अलावा भारत की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है अक्टूबर तक बच्चों के लिए टीका तैयार कर लिया जाएगा। कंपनी के आयात-निर्यात निदेशक पीसी नांबियार ने कहा कि यह टीका बच्चों को उनके जन्म के एक महीने के भीतर लगाया जाएगा। दूसरी ओर विशेषज्ञों का मानना है कि भारत बायोटेक को भी जल्द ही पांच से 18 वर्ष की आयु के बच्चों पर कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की इजाजत मिल सकती है।
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