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चीन की गंदी चाल, यूरोप से खारिज रैपिड टेस्ट किट्स को भेज दिया भारत

भारत में चीनी कंपनियों की जिन टेस्टिंग किट पर सवाल उठ रहे हैं, उन्हें यूरोप में पहले ही बैन किया जा चुका है। टेस्टिंग किट के फेल होने की वजह से यूरोपीय देशों ने चीन को 20 लाख किट वापस भेज दी थीं।

Shreya
Published on: 23 April 2020 5:49 AM GMT
चीन की गंदी चाल, यूरोप से खारिज रैपिड टेस्ट किट्स को भेज दिया भारत
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नई दिल्ली: देश में तेजी से बढ़ते मामलों के बीच सरकार ज्यादा से ज्यादा टेस्ट कराने पर जोर दे रही है। वहीं भारत में चीनी कंपनियों की जिन टेस्टिंग किट पर सवाल उठ रहे हैं, उन्हें यूरोप में पहले ही बैन किया जा चुका है। टेस्टिंग किट के फेल होने की वजह से यूरोपीय देशों ने चीन को 20 लाख किट वापस भेज दी थीं। अब आरोप है कि चीन ने यूरोप से वापस आईं करोड़ों की इन्हीं किट्स को भारत को भेज दिया है।

इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार आखिर कौन?

शुरुआती जांच में जब किट्स के सही नतीजे आने पर इन्हें राज्यों को भेज दी गईं, लेकिन राज्यों के इन किट्स पर सवाल खड़े करने के बाद इनके इस्तेमाल को रोक दिया गया है। लेकिन अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार आखिर कौन है?

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सरकार किट्स पर ले सकती है बड़ा फैसला

मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार तक सरकार चीन से आईं इन टेस्टिंग किट्स कर लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। ICMR के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के मुताबिक, 14 कंपनियों के बैच को मंजूरी दी गई थी, जिसमें चीन, नीदरलैंड और दक्षिण कोरिया समेत भारतीय कंपनियां भी शामिल थीं। सबसे पहले चीन ने आपूर्ति करनी शुरु की। क्योंकि वहां पर पहले से ही कंपनियां किट्स बना रही हैं।

अभी तक 40 करोड़ की किट्स आ चुकी हैं भारत

चीन की वांडोफ बायोटे व लिवजोन डायग्नोस्टिक द्वारा भारत को अब तक तकरीबन 40 करोड़ की 8.5 लाख किट्स भेजी गई हैं। वांडोफ बायोटेक की 60 प्रतिशत से अधिक टेस्टिंग किट्स आ चुकी हैं। इसी कंपनी ने मार्च में यूके को 20 लाख किट्स दी थीं। वहां पर शुरुरती जांच में गड़बड़ी पाने पर इन पर पाबंदी लगा दी गई थी।

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तो क्या कंपनी वापस लेगी टेस्टिंग किट्स

ICMR के मुताबिक, भारत द्वारा टेस्टिंग किट्स के लिए परीक्षण प्रोटोकॉल बनाया गया है। इसके तहत कंपनी को बैच के मुताबिक मान्यता दी जाएगी। एक बैच आने पर उसकी टेस्टिंग के बाद आगे भेजा जाता है। उसी कंपनी से अगला बैच आने पर फिर से जांच की जाएगी। अगर इसमें गड़बड़ी मिलती है तो पूरा स्टॉक कंपनी को वापस लेना होगा।

अन्य देशों में भी खड़े किए जा रहे हैं सवाल

न केवल भारत में बल्कि अन्य देशों में भी चीनी कंपनियों द्वारा भेजी गई किट्स पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। अमेरिका, स्पने, तुर्की और स्लोवाक के कुछ राज्यों ने चीन से आई रैपिड टेस्ट किट्स का इस्तेमाल किया था, लेकिन क्वालिटी ठीक ना पाए जाने पर इन्हें चीन को वापस कर दिया गया। तुर्कि में इन किट्स की क्वालिटी केवल 35 फीसदी तो वहीं स्पेन में महज 20 फीसदी ही थी। बता दें कि नियमानुसार क्वालिटी को 70 से 80 फीसदी तक होना चाहिए।

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चीनी एम्बेसी ने कहा केवल प्रमाणित कंपनियों से ही ही लें सामाग्री

वहीं दिल्ली स्थित चीनी एम्बेसी की तरफ से कहा गया है कि चीन से आने वाले हेल्थ प्रोडक्ट्स की क्वालिटी को लेकर वह बेहद गंभीर है और इसमें भारत की मदद करेगा। चीनी एम्बेसी ने कहा कि भारत को प्रमाणित कंपनियों से ही सामान मंगवाना चाहिए। भारत चीन के अधिकारियों द्वारा सत्यापित किए हुए कंपनियों से ही मेडिकल सामग्री खरीदें।

राज्यों ने सीधे भी मंगवाईं हैं किट्स

बता दें कि कई राज्यों ने तो चीन की दोनों कंपनियों वांडोफ बायोटेक और लिवजोन डायग्नोस्टिक से डायरेक्ट ही रैपिड टेस्ट किट्स खरीदी थीं। तमिलनाडु ने दो बार में 24 और 34 हजार किट्स का ऑर्डर दिया था, जबकि छत्तीसगढ़ ने दक्षिण कोरिया की कंपनी एसडी बायोसेंसर को 75 हजार किट्स का ऑर्डर दिया था।

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अब केवल मान्यता प्राप्त कंपनी को ही ऑर्डर देंगे राज्य

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत केंद्र से मिली आर्थिक सहायता के जरिए इन रैपिड टेस्ट किट्स को खरीदा जा रहा है। वहीं दिल्ली में इसी बजट से स्वदेशी कंपनी मायलैब की किट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन अब इन राज्यों का कहना है कि ICMR से मान्यता प्राप्त कंपनियों को ही ऑर्डर दिए जा रहे हैं।

क्यों खड़े हो रहें टेस्ट किट पर सवाल?

जानकारी के लिए आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में 4 हजार में से 200 किट्स की जांच में केवल एक पॉजिटिव मिला था। वहीं आरटी पीसीआर जांच में वह निगेटिव मिला। जबकि गुजरात में एक हजार किट्स की जांच में तकरीबन 10 फीसदी रिजल्ट ही मिले हैं। वहीं राजस्थान में 5, पश्चिम बंगाल में 2 या 3 फीसदी परिणाम मिले हैं। इसलिए अब इसका दोबारा परीक्षण जरुरी है।

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अब तक 23 कंपनियों को मिली है मान्यता

पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी इसकी मान्यता दे रहा है। अब तक इसने 23 कंपनियों के बैच को मान्यता दी है। जिनमें से 9 स्वेशी कंपनियां शामिल हैं। वहीं अन्य कंपनियां चीन, कोरिया, अमेरिका, नीदरलैंड जैसे देशों की हैं, जिनको अब तक 51 लाख रैपिड टेस्ट किट्स के ऑर्डर भी दिए जा चुके हैं। लेकिन अब तक केवल चीन से ही आपूर्ति हुई है।

कब-कब आया बैच?

बता दें कि पिछले 5 दिनों में चीन से 8.5 लाख जांच किट्स मिल चुकी हैं। जिसका पहला बैच (5.5 लाख किट्स) 16 अप्रैल को भारत आया था। वहीं दूसरा बैच (3 लाख किट्स) 21 अप्रैल को भारत आया। इनमें 80 हजार किट्स राजस्थान और तमिलनाडु में मंगाए गए थे।

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