Lockdown- वर्क फ्रॉम हॉम ने बढ़ाई महिलाओं की समस्या, रोज हो रहे ये अत्याचार

जब से देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया, तब से ज्यादातर ऑफिसों में कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम हॉम दे दिया गया। जिस वजह से घरेलू हिंसा के मामले काफी बढ़ गए हैं।

Shreya
Published on: 2 April 2020 5:11 AM GMT
Lockdown- वर्क फ्रॉम हॉम ने बढ़ाई महिलाओं की समस्या, रोज हो रहे ये अत्याचार
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Lockdown- वर्क फ्रॉम हॉम ने बढ़ाई महिलाओं की समस्या, रोज हो रहे ये अत्याचार

नई दिल्ली: भारत में तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ते देख देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को जनता को संबोधित करते हुए पूरे देश को 21 दिनों तक लॉक़डाउन करने का एलान किया था। जब से देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया, तब से ज्यादातर ऑफिसों में कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम हॉम दे दिया गया। जिस वजह से घरेलू हिंसा के मामले काफी बढ़ गए हैं।

कुछ अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि भारत में 24 मार्च के बाद घरेलू हिंसा के मामलों में इजाफा देखा गया है। 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों में रहने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन जब ये लॉकडाउन लागू किया गया है, तब से महिलाओं पर घरेलू हिंसा में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है।

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दिल्ली के DCP (ऑपरेशंस एंड कम्युनिकेशंस) SK सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि, यह हैरान करने वाली बात है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महिलाओं पर घरेलू हिंसा से जुड़े कॉल में वृद्धि हुई है। पहले हमें रोजाना घरेलू हिंसा और छेड़छाड़ से संबंधित 900 से 1000 कॉल्स आती थीं, लेकिन लॉकडाउन के बाद से हमें हर रोज तकरीबन 1 हजार से 1200 कॉल आ रही हैं।

अधिकारी ने बताया कि, दिल्ली में जेजे कॉलोनियों के पास से कई महिलाओं ने कॉल किया है और अपने पड़ोसियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि कुछ खराब मानसिकता वाले लोग खाने-पीने और अन्य जरूरी वस्तुओं के लिए घूम रहे हैं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ और अभद्रतापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं।

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DCP SK सिंह ने लॉकडाउन के चलते महिलाएं बाहर निकल कर शिकायत नहीं दर्ज करवा पा रही हैं, लेकिन शिकायतों की कॉल बढ़ गई हैं।

वहीं इसके अलावा दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके से भी घरेलु हिंसा के मामले सामने आए हैं। घरेलू हिंसा के पीड़ितों में से एक पीड़िता ने मीडिया को बताया कि उसका पति एक पान की दुकान में काम करता था और वो एक नौकरानी के रूप में काम करती थी। पीड़िता ने बताया कि हमारी दो छोटी बेटियां हैं। लॉकडाउन के बाद से पति के पास कोई नौकरी नहीं है। इस वजह से न हमारे पास खाना-पीना और न पैसे हैं।

उसने बताया कि, मेरे पति पहले भी मेरे साथ बुरा व्यवहार करते थे और कभी-कभ ही पीटते थे। लेकिन जब लॉकडाउन लगा है, तब से वो घर पर हैं और लगभग हर रोज मुझे पीटते हैं। पीड़िता ने कहा कि वो मुझ पर अपनी भड़ास निकालते हैं। उसने कहा कि मैं शिकायत करने बाहर भी नहीं जा सकती।

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वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग के पास भी 23 मार्च से 30 मार्च तक के बीच शिकायते बढ़ी हैं। NCW को इस बीच लगभग 58 शिकायतें मिली हैं। NCW की चीफ रेखा शर्मा ने बताया कि, शिकायतों में बढ़ोत्तरी हुई है। घर बैठे आदमी- महिलाओं प भड़ास निकाल रहे हैं। खासकर ये प्रवृत्ति दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश में देखी गई हैं। यहां से हमें कई शिकायतें भी मिली हैं।

उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा जैसे मामलों में इजाफा हुआ है। हमने अपने सभी सदस्यों से कहा है कि ऐसे मामलों पर नजर बनाए रखें और उन्हें बचाएं। उन्होंने महिलाओं से ये आग्रह भी किया कि अगर वो घरेलू हिंसा का सामना कर रही हैं तो पुलिस से संपर्क करें या फिर राज्य महिला आयोगों तक पहुंचने की कोशिश करें।

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