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आई डराने वाली स्टडी: मानसून में तेजी से फैलेगा कोरोना वायरस, किया गया ये दावा

तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के बीच इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (IIT) बॉम्‍बे की एक डराने वाली स्टडी सामने आयी है। IIT बॉम्‍बे ने कोरोना वायरस और मौसम के कनेक्शन पर एक स्टडी की है।

Shreya
Published on: 10 Jun 2020 9:06 AM GMT
आई डराने वाली स्टडी: मानसून में तेजी से फैलेगा कोरोना वायरस, किया गया ये दावा
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नई दिल्‍ली: देश में तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है। हर रोज हजारों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना वायरस की शुरूआत में ऐसा कहा जा रहा था कि गर्मी आने के बाद कोरोना वायरस का प्रभाव कम हो जाएगा। हालांकि बाद में एक स्टडी में दावा किया कि कोरोना के संक्रमण पर गर्मी के मौसम से कोई असर नहीं पड़ेगा।

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IIT बॉम्‍बे की डराने वाली स्टडी आई सामने

इन सब के बीच इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (IIT) बॉम्‍बे की एक डराने वाली स्टडी सामने आयी है। IIT बॉम्‍बे ने कोरोना वायरस और मौसम के कनेक्शन पर एक स्टडी की है। जिसमें बताया गया है कि कोरोना का संक्रमण मानसून का मौसम आने के साथ ही और तेजी से बढ़ सकता है। स्टडी के मुताबिक ह्यूमिडिटी बढ़ने पर कोरोना वायरस वातावरण में अधिक समय तक रह सकता है।

इस तरह से की गई है ये स्टडी

IIT बॉम्‍बे के प्रोफेसर रजनीश भारद्वाज और अमित अग्रवाल ने कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर एक अध्ययन किया है। दोनों प्रोफेसर ने कोरोना संक्रमित मरीज की छींक से निकले ड्रापलेट को सुखाया। इसके बाद ड्रापलेट्स के सूखने की गति और दुनिया के छह शहरों में हर दिन होने वाले संक्रमण से इसकी तुलना की।

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मुंबई में जल्द ही मानसून की होने वाली है दस्तक

प्रोफेसर रजनीश भारद्वाज ने पाया कि सूखे वातावरण की तुलना में ह्यूमिडिटी वाले इलाके में वायरस के रहने की क्षमता पांच गुनी ज्यादा थी। अब ऐसे में इस बात का डर सताने लगा है कि मुंबई में जल्द ही मानसून की दस्तक होने वाली है। मानसून के दौरान यहां ह्यूमिडिटि का लेवल 80 फीसदी से अधिक होता है। ऐसे में माना जा रहा है कि करोना का संक्रमण मानसून के दौरान और तेजी से बढ़ सकता है।

मुंबई, केरल और गोवा में हालात हो सकते हैं और खराब

वहीं प्रोफेसर अमित अग्रवाल ने कहा कि अगर ह्यूमिडिटी में वायरस ज्यादा देर तक रह सकता है तो फिर मुंबई, केरल और गोवा जैसे राज्यों में आने वाले समय में हालात और खराब हो सकते हैं। हालांकि बहुत से लोग इस स्टडी से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि हाई ह्यूमिडिटी लेवल मुंबई में कोरोना के प्रसार को खत्म करने में मददगार साबित हो सकता है।

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