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कांस्टेबल ने पेश की त्याग की मिसाल, नवजात बेटे की मृत्यु के बाद भी चुनी ड्यूटी

इस समय देश कोरोना वायरस जैसी चुनौतीपूर्ण समस्या का सामना कर रहा है। कोरोना की इस मुश्किल लड़ाई में देश का हर शख्स अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।

Shreya
Published on: 11 April 2020 6:52 AM GMT
कांस्टेबल ने पेश की त्याग की मिसाल, नवजात बेटे की मृत्यु के बाद भी चुनी ड्यूटी
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कांस्टेबल ने पेश की त्याग की मिसाल, नवजात बेटे की मृत्यु के बाद भी चुनी ड्यूटी

नाहन: इस समय देश कोरोना वायरस जैसी चुनौतीपूर्ण समस्या का सामना कर रहा है। कोरोना की इस मुश्किल लड़ाई में देश का हर शख्स अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। लेकिन इस लड़ाई में डॉक्टर से लेकर पुलिस तक अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी ड्यूटी पूरी कर रहे हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर ऐसे पुलिस और डॉक्टर्स की तस्वीरें और कहानियां खूब वायरल हो रही हैं, जो इस मुश्किल घड़ी में अपने परिवार से दूर रहकर देश की सेवा कर रहे हैं।

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कांस्टेबल ने पेश की त्याग की मिसाल

इस बीच पुलिस विभाग में तैनात कांस्टेबल अर्जुन ने देश की सेवा के लिए त्याग की मिसाल पेश की है। बीते दिनों से वह अपने घर नहीं गए। यहां तक कि उनकी बेटे की मृत्यु हो जाने पर भी कुछ देर के लिए ही मिट्टी डालने की रस्म निभाने के लिए अपने घर पहुंचे थे और फिर नाहन (सिरमौर, हिमाचल प्रदेश) अपनी ड्यूटी पर वापस लौट गए। अपने घर जाने के बाद भी उन्होंने दूर से ही अपने परिजनों से बात की।

बीते दिनों से इसलिए नहीं गए अपने घर

दरअसल, सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) में कोरोना से संक्रमित पाए गए एक जमाती को बद्दी तक छोड़ने के लिए जो पुलिस टीम गई थी, उस टीम में अर्जुन भी शामिल थे। इसलिए सावधानी बरतते हुए वह अपने घर नहीं जा रहे हैं। अर्जुन नाहन अक्सर मुख्य चौराहों पर यातायात ड्यूटी पर देखे जाते हैं। आपको बता दें कि कांस्टेबल अर्जुन की पत्नी सुमन भी पुलिस विभाग में ही कार्यरत हैं।

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नवजात बच्चे की हो गई मृत्यु

गुरुवार को उनकी पत्नी सुमन ने एक बच्चे को जन्म दिया, लेकिन धड़कन कम होने के चलते नवजात की मृत्यु हो गई। चूंकि अर्जुन कोरोना संक्रमित जमाती को बद्दी छोड़ने गए थे, इसलिए वो ऐसे दुख के समय में भी अपनी पत्नी से नहीं मिल पाए। हॉस्पिटल में भी उन्होंने अपनी वाइफ से दूर से ही बात की।

इस मुश्किल की घड़ी में ड्यूटी ही सब कुछ

कल यानि शुक्रवार को वह कोलर स्थित अपने घर गए। मिट्टी देने की रस्म निभाई और फिर वापस ड्यूटी पर लौट गए। कांस्टेबल अर्जुन का कहना है कि मुश्किल की इस घड़ी में ड्यूटी ही सब कुछ है। लेकिन संक्रमण से बचाव भी जरूरी है।

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