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लॉकडाउन: कोरोना से जंग के लिए जवानों ने किया ये बड़ा काम, करेंगे तारीफ

सुरक्षाबलों ने लॉकडाउन के प्रथम चरण (लॉकडाउन 1.0) के दौरान पीपीई यानि पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट के तहत करीब 15 लाख प्रोटेक्शन सूट और मास्क तैयार किए हैं।

Shreya
Published on: 16 April 2020 10:50 AM IST
लॉकडाउन: कोरोना से जंग के लिए जवानों ने किया ये बड़ा काम, करेंगे तारीफ
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लॉकडाउन: कोरोना से जंग के लिए जवानों ने किया ये बड़ा काम, करेंगे तारीफ

नई दिल्ली: इस वक्त पूरा देश कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है। कोरोना की इस लड़ाई में अब सुरक्षाबल भी मदद के लिए आगे आए हैं। सुरक्षाबलों ने हम भी मैदान में हैं नारे के साथ लॉकडाउन के प्रथम चरण (लॉकडाउन 1.0) के दौरान पीपीई यानि पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (Personal Protective Equipment Kit) के तहत करीब 15 लाख प्रोटेक्शन सूट और मास्क तैयार किए हैं। भारतीय सुरक्षाबलों ने इस तरह से तमाम मल्टीनेशनल कंपनीयों को भी टक्कर दिया है। भारतीय सुरक्षाबलों ने पीपीई के तहत PPE के तहत प्रोटेक्शन सूट और मास्क बनाने का काम बेहद तेजी के साथ किया है।

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15 लाख से अधिक तहत प्रोटेक्शन सूट और मास्क तैयार किए

21 दिन के लॉकडाउन के दौरान सेना, अर्धसैनिक बलों और कई राज्यों की पुलिस ने पीपीई के तहत PPE के तहत करीब 15 लाख से अधिक तहत प्रोटेक्शन सूट और मास्क तैयार किए हैं। प्रोटेक्शन सूट और मास्क को सेना के जवानों को मुहैया कराने के साथ-साथ आम लोगों में भी बांटा गया है। 15 लाख प्रोटेक्शन सूट और मास्क में 11 लाख मास्क और 4 लाख प्रोटेक्शन सूट हैं।

PPE की कमी को लेकर बवाल

बता दें कि लॉकडाउन में PPE की कमी को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। कोरोना मरीजों के इलाज में लगे हुए डॉक्टर, नर्से और दूसरे मेडिकल स्टाफ को प्रोटेक्शन सूट और मास्क मिलने में दिक्कत हो रही थी। साथ ही देश के कई हिस्सों से भी ऐसी शिकायतें मिली थी कि अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों का इलाज कर रहे मेडिकल स्टाफ को PPE की कमी आ रही है। इसे लेकर एम्स के डॉक्टरों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से शिकायत भी की थी।

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सुरक्षा बलों ने खुद ही PPE का निर्माण करने की ठानी

वहीं लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए सेना, अर्धसैनिक बल और विभिन्न राज्यों की पुलिस आगे आई। लेकिन उन्हें भी PPE को लेकर मेडिकल स्टाफ की ही तरह दिक्कत हुई। ड्यूटी पर तैनात सभी जवानों को PPE नहीं मिल पा रहे थे। जिसके बाद सुरक्षा बलों ने खुद ही PPE का निर्माण करने की ठानी। सुरक्षा बलों ने तय किया कि कम से कम प्रोटेक्शन सूट और मास्क तो तैयार किए जा सकते हैं। अन्य देशों में ये मास्क और सूट तैयार करने की जिम्मेदारी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को ही दी जाती है। हालांकि कई देशों में आर्मी विंग ने भी इसमें सहयोग दिया है।

लॉकडाउन 1.0 के दौरान तैयार किए PPE

भारत में जब सेना, डीआरडीओ, अर्धसैनिक बल और पुलिस, PPE तैयार करने के लिए आगे आए। उन्होंने न केवल खुद के लिए प्रोटेक्शन सूट और मास्क तैयार किए, बल्कि इन उपकरणों की दूसरे संगठनों एवं आम लोगों तक भी सप्लाई सुनिश्चित की। लॉकडाउन 1.0 के दौरान करीब 15 लाख पीपीई तैयार कर दिए गए।

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