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क्या कोई दोबारा हो सकता है कोरोना से संक्रमित? WHO ने दिया जवाब

अब तक काफी लोग ये मान रहे थे कि कोरोना से एक बार पीड़ित होने के बाद दोबार संक्रमित होने का खतरा कम होगा। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि जो मरीज ठीक हो चुके हैं, उन्हें दोबारा ये संक्रमण नहीं होगा।

Shreya
Published on: 18 April 2020 2:42 PM GMT
क्या कोई दोबारा हो सकता है कोरोना से संक्रमित? WHO ने दिया जवाब
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क्या कोई दोबारा हो सकता है कोरोना से संक्रमित? WHO ने दिया जवाब

नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। बीते दिनों साउथ कोरिया में ऐसे भी मामले सामने आए थे कि कोरोना संक्रमण से ठीक होकर मरीज दोबारा कोरोना पॉजिटिव पाए गए। ऐसे में लोगों के बीच डर का माहौल पैदा हो गया है। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि जो मरीज ठीक हो चुके हैं, उन्हें दोबारा ये संक्रमण नहीं होगा।

संक्रमित मरीजों की इम्यूनिटी की कोई गारंटी नहीं

डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, WHO ने एंटीबॉडीज टेस्ट पर काफी पैसे खर्च करने की प्लानिंग कर रहे देशों को चेतावनी दी है। संगठन का कहना है कि कोरोना संक्रमित मरीजों की इम्यूनिटी की कोई गारंटी नहीं है।

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साउथ कोरिया में सामने आ चुके हैं ऐसे मामले

इससे पहले कई मेडिकल एक्सपर्ट ने कहा था कि एक बार इस वायरस से संक्रमित होने के बाद ज्यादातर लोगों की इम्यूनिटी यानि रोग प्रतिरोधक शक्ति डेवलप हो जाएगी। हालांकि साउथ कोरिया में करीब 100 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए थे, जो कोरोना से ठीक होकर दोबारा संक्रमित पाए गए थे। कोरिया ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। हालांकि इस पर कुछ मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि शायद पहली बार गलती से मरीजों के टेस्ट निगेटिव आ गए हों।

इस बात के नहीं हैं कोई सबूत

अब तक काफी लोग ये मान रहे थे कि कोरोना से एक बार पीड़ित होने के बाद दोबार संक्रमित होने का खतरा कम होगा। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि जो मरीज ठीक हो चुके हैं, उन्हें दोबारा ये संक्रमण नहीं होगा।

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किसी को नहीं पता कि एंटीबॉडीज से कितने सुरक्षित हैं

WHO के इमरजेंसीज प्रोग्राम के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर माइक रयान का कहना है कि इसको लेकर सीमित सबूत ही हैं कि कोरोना से ठीक हो चुके मरीज आगे बीमारी से इम्यून हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी शख्स को यह नहीं पता कि जिनके शरीर में एंटीबॉडीज हैं वे पूरी तरह बीमारी से सुरक्षित हैं। साथ ही कई टेस्ट में सेन्सिटिविटी इश्यू भी देखने को मिले हैं। उनमें गलत परिणाम मिल सकता है।

डॉ. रयान ने कहा कि एंटीबॉडी टेस्ट पर नैतिकता के सवाल भी हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस पर सावधानी से काम करने की जरुर होगी। हमें यह भी देखना होगा कि एंटीबॉडी कितने समय तक हमें सुरक्षित रख सकते हैं।

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