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कोरोना की नई रिपोर्ट: सांस लेना भी खतरे से खाली नहीं, रहें सावधान
कोरोना वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं पाया, और कोरोना ने अपने को और फैला लिया है। ये नया कोरोना वायरस सांस लेते वक्त और बात करते वक्त हवा के जरिए वातावरण में फैल जाता है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं पाया, और कोरोना ने अपने को और फैला लिया है। ये नया कोरोना वायरस सांस लेते वक्त और बात करते वक्त हवा के जरिए वातावरण में फैल जाता है। अमेरिका के शीर्ष वैज्ञानिक ने हाल ही में ये जानकारी देते हुए सभी लोगों को हर वक्त मास्क पहने रहने की सलाह दी है।
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जब लोग एक-दूसरे से बातचीत कर रहें हो, या बोल रहे होते
इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में संक्रामक रोगों के प्रमुख एंथनी फॉकी ने मास्क पहनने के नियमों में बदलाव करने होंगे, क्योंकि हाल ही के अध्ययन में पता चला है कि वायरस वास्तव में सिर्फ खांसने और छींकने के अलावा, तब भी फैल सकता है जब लोग एक-दूसरे से बातचीत कर रहें हो, या बोल रहे होते हैं।
बता दें, अभी तक, आधिकारिक रूप से यही सलाह दी जा रही थी कि सिर्फ मास्क पहनने या मुंह ढकने की ज़रूरत सबसे ज़्यादा मरीज़ और जो बीमार लोगों की देखभाल कर रहे हैं उन लोगों को है। टिप्पणी उस समय आई, जब नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज़ (एन ए एस) ने 1 अप्रैल को व्हाइट हाउस को एक पत्र भेजा था जिसमें इस विषय पर हाल के शोध का सारांश दिया गया था।
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ऐसे में अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसियों का कहना था कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से बूदों के माध्यम से दूसरे व्यक्ति की सांस में चला जाता है।
इसका मतलब अगर कोई संक्रमित व्यक्ति के पास खड़ा है तो उसे भी कोरोना वयारस हो सकता है। हालांकि, अगर ये वायरस अगर हवा के माध्यम से फैलना शुरू हो जाएगा, तो इस पर काबू पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा। इसलिए सभी को मास्क पहनने की सलाह देनी चाहिए।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि ये वायरस एक एरोसोल बन सकता है और तीन घंटे तक हवा में रह सकता है।