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Covid-19: अब देश में होगा एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग, 67 इंडियन फर्म्स को मिली मंजूरी
कोरोना वायरस का संकट भारत समेत पूरी दुनिया में फैल गया है। भारत में कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग में तेजी लाने की कोशिश जारी है। इस बीच 67 इंडियन फर्म्स को कोरोना संक्रमण के लिए एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग की करने की मंजूरी मिल गई है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस का संकट भारत समेत पूरी दुनिया में फैल गया है। भारत में कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग में तेजी लाने की कोशिश जारी है। इस बीच 67 इंडियन फर्म्स को कोरोना संक्रमण के लिए एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग की करने की मंजूरी मिल गई है जिसके बाद देश में कोरोना संक्रमण के मामलों का और तेजी से पता लगाया जा सकेगा।
सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोलर ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने 67 इंडियन फर्म्स को एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग के लिए मंजूरी दे दी है। इन 67 कंपनियों में से 5 कंपनियां इंडीजीनस (स्वदेशी) हैं, तो वहीं बाकी की 62 कंपनियां एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग किट का आयात चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, साउथ कोरिया और इजरायल से कर रही हैं।
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एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट क्या है?
रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडी बन रही हैं या नहीं, इसका पता लगाने का काम करता है।यह सस्ता होता है और इसके नतीजे जल्दी आ जाते हैं, जबकि रियल टाइम पीसीआर में काफी समय लगता है। भारत में अभी रियल टाइम पीसीआर से ही टेस्टिंग होती है।
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गौरतलब है कि रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट स्क्रीनिंग का सबके अच्छा तरीका है। रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग से 15-20 मिनट में ही इसका नतीजा आ जाता है, जबकि रियल टाइम पीसीआर का नतीजा आने में 2-3 दिन लग जाते हैं। आईसीएमआर पहले ही रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट की इजाजत दे चुका है। इनका इस्तेमाल संक्रमण जोन और प्रवासियों के आइसोलेशन सेंटर में होना है।
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देश में अबतक 400 से अधिक की मौत
कोरोना संक्रमण भारत में लगातार बढ़ रहा है। देशभर में इसके मरीजों की संख्या करीब 13 हजार पहुंच चुकी है जबकि इससे मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़कर 400 के पार हो चुका है। हालांकि 1500 से ज्यादा कोरोना मरीज इलाज के बाद ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं।