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कोरोना पर दलाई लामा का संदेश- छोड़ दें नकारात्मक सोच, वैज्ञानिक भी मान रहे ऐसा

धर्मगुरु दलाई लामा ने दुनिया भर के अपने अनुयायियों के लिए दो दिन की लाइव टीचिंग शुरू की है। पहले दिन धर्मगुरु दलाईलामा लोगों को कोरोना महामारी के दौरान नकारात्मक सोच से निपटने के उपाय बताए।

Dharmendra kumar
Published on: 16 May 2020 5:37 PM GMT
कोरोना पर दलाई लामा का संदेश- छोड़ दें नकारात्मक सोच, वैज्ञानिक भी मान रहे ऐसा
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नई दिल्ली: धर्मगुरु दलाई लामा ने दुनिया भर के अपने अनुयायियों के लिए दो दिन की लाइव टीचिंग शुरू की है। पहले दिन धर्मगुरु दलाईलामा लोगों को कोरोना महामारी के दौरान नकारात्मक सोच से निपटने के उपाय बताए। दुनिया भर में स्वास्थ्य विकारों से चिंतित दलाईलामा लोगों को संकट की घड़ी में आशावादी बनाने की कोशिश की।

धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि सभी धर्म शांति का संदेश देते हैं और इन धर्मों में यह भी साफ कहा गया है कि लोग हिंसा नहीं, बल्कि अहिंसा के मार्ग पर आगे बढ़ें। इन सभी धर्मों का एक लक्ष्य भी होना चाहिए कि अहिंसा ही सर्वोपरि है। आज विश्व कई संकट के दौर से गुजर रहा है, लेकिन इस समय जरूरत यह भी है कि हम सभी एकजुट होकर इस समस्या का सामना करें और मानव सेवा के प्रति भी अपने कदम उठाएं। दलाई लामा ने कहा कि धर्म और विज्ञान एक साथ चलता है और इस समय वैज्ञानिक भी यह मानते हैं कि धर्म सत्य है।

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दलाई लामा ने कहा कि नालंदा परंपरा का विश्लेषणात्मक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण तिब्बती बौद्ध धर्म का आधार है जो मानव मन के कामकाज के अध्ययन में सटीक है। उन्होंने कहा कि आंतरिक शांति के लिए व्यक्ति को भावनात्मक रहना होगा। मानसिक और भावनात्मक भलाई आत्मविश्वास और खुशी के लिए केंद्रीय है। तिब्बती बौद्ध दर्शन मन के परिवर्तन को स्वयं के भीतर और दुनिया में शांति और खुशी प्राप्त करने की कुंजी के रूप में बताता है।

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धर्मगुरु ने हिमाचल प्रदेश के मैक्लोडगंज स्थित अपने निवास से विश्वभर के अनुयायियों से कहा कि एक व्यक्ति जीवित रहने के लिए समुदाय पर निर्भर है। यह स्वभाव हमें एक-दूसरे के प्रति दया और करुणा के लिए प्रयास करना सिखाता है। इसी तरह आज हम कोरोना महामारी के संकट का हम सामना कर रहे हैं। विश्व को एकजुट होना चाहिए। एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। एक मानव परिवार के सदस्यों के रूप में हमें एकजुटता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

दलाई लामा ने कहा कि दुनिया भर के लोगों से आह्वान किया वे वैश्विक जलवायु परिवर्तन के दीर्घकालिक मुद्दे पर भी ध्यान दें। अगले दो दशकों के भीतर इसके दूरगामी परिणाम होने की उम्मीद है। दलाईलामा रविवार सुबह फिर से लाइव टीचिंग देंगे।

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कर रहे थे मेडिटेशन

चीन में कोरोना महामारी फैलने के बाद से दलाईलामा ने दुनिया भर में अपनी सभी टीचिंग स्थगित कर दी थीं। इसके बाद दलाईलामा मैक्लोडगंज स्थित अपने निवास पर मेडिटेशन पर थे। बीच-बीच में दुनिया को वह अपने संदेश सोशल मीडिया के जरिये दे रहे थे।

Dharmendra kumar

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