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चुनावी राज्यों पर आफतः कोरोना की रफ्तार बेकाबू, दूसरी लहर ने खड़ी की बड़ी मुसीबत

चुनावी राज्यों में कोरोना का बढ़ता कहर चुनाव आयोग के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं

Shivani
Published on: 20 March 2021 8:33 AM GMT
चुनावी राज्यों पर आफतः कोरोना की रफ्तार बेकाबू, दूसरी लहर ने खड़ी की बड़ी मुसीबत
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। देश में कोरोना की तेज रफ्तार ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। कोरोना की दूसरी लहर में रोज नए केसों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। देश में पिछले 24 घंटे के दौरान 40,906 नए केस मिले हैं। नए संक्रमितों का यह आंकड़ा 28 नवंबर के बाद सबसे ज्यादा है। नए कोरोना केसों तेज रफ्तार ने केंद्र के साथ ही राज्य सरकारों की भी चिंता बढ़ा दी है।

चुनावी राज्यों में कोरोना का बढ़ता कहर चुनाव आयोग के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं और इन सभी राज्यों में कोरोना के नए केसों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

महाराष्ट्र में लगातार बिगड़ रहे हालात

कोरोना के नए मामलों में सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में दर्ज किए जा रहे हैं। महाराष्ट्र में शुक्रवार को 25,681 नए केस दर्ज किए गए। लगातार दूसरे दिन राज्य में 25000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं जबकि 70 मरीजों की मौत हुई है।

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राज्य में अब तक 24 लाख से अधिक लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे बड़े शहरों की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। नागपुर में एक हफ्ते का लॉकडाउन घोषित किया जा चुका है जबकि अन्य शहरों में भी तमाम पाबंदियां लागू की गई हैं।

केरल में भी लगातार बढ़ रहे केस

केरल में इन दिनों विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव प्रचार जोरों पर है। चुनावी बाजी जीतने के लिए वामदलों और कांग्रेस सहित विभिन्न सियासी दलों ने पूरी ताकत झोंक रखी है। दूसरी ओर चुनावी माहौल में कोरोना के बढ़ते केसों ने सरकार और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

बता दें कि केरल में अब तक करीब 11 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। यहां शनिवार को 1,984 नए केस दर्ज किए गए। नए मरीजों की इस संख्या से समझा जा सकता है कि कोरोना कितनी तेजी से पांव पसार रहा है।

तमिलनाडु में भी पांव पसार रहा कोरोना

चुनावी राज्य तमिलनाडु में भी कोरोना की रफ्तार ने तेजी पकड़ ली है। यहां पर गुरुवार को 1087 नए केस दर्ज किए गए जबकि 9 मरीजों की मौत हो गई। राज्य में डीएमके और अन्नाद्रमुक गठबंधन के बीच प्रतिष्ठा की जंग हो रही है। दोनों पक्षों की ओर से पूरी ताकत झोंक दी गई है। चुनावी माहौल में कोरोना की नई लहर ने हर किसी की चिंता बढ़ा दी है। चुनावी माहौल होने के कारण कोरोना की गाइडलाइन का भी गंभीरता से पालन नहीं किया जा रहा है।

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पश्चिम बंगाल में भी केसों में बढ़ोतरी

पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच खड़ा चुनावी मुकाबला हो रहा है। दोनों दलों की ओर से राजनीतिक रैलियों और रोडशो का जमकर आयोजन किया जा रहा है। यहां भी कोरोना के केसों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

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पिछले 24 घंटे के दौरान यहां 347 नए मामले दर्ज किए गए। राजनीतिक दलों की रैलियों में उमड़ रही भीड़ में कोरोना की गाइडलाइन का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है और ऐसे में आने वाले दिनों में कोरोना की रफ्तार और तेज हो सकती है।

असम में भी बढ़ा खतरा

एक और चुनावी राज्य असम में भी कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। यहां 18 मार्च को 200 से ज्यादा नए केस दर्ज किए गए। हालांकि दूसरे दिन केसों की संख्या में कमी दर्ज की गई। यहां भी चुनाव के माहौल होने के कारण लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं। इस कारण नए केसों की संख्या बढ़ने का खतरा बना हुआ है।

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पुडुचेरी में भी चिंता का कारण बना कोरोना

पुडुचेरी में भी चुनावी माहौल में कोरोना के नए केस लगातार बढ़ रहे हैं। यहां पर गुरुवार को 35 नए मामले सामने आए थे जबकि शुक्रवार को इनकी संख्या बढ़कर 61 हो गई। प्रदेश में अब तक 40 हजार से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इस चुनावी राज्य में भी कोरोना की दूसरी लहर चिंता का बड़ा कारण बन गई है। प्रशासन की ओर से कोरोना पर काबू पाने के लिए कई सख्त उपायों की घोषणा की गई है।

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गाइडलाइन का किया जा रहा उल्लंघन

जानकारों का कहना है कि चुनावी माहौल में गाइडलाइन का उल्लंघन किए जाने से चुनावी राज्यों में कोरोना के नए केस लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करना और गाइडलाइन का पालन करने के लिए उन्हें तैयार करना जरूरी है तभी कोरोना पर लगाम लगाई जा सकती है।

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