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PM मोदी की देशवासियों से अपील, 5 अप्रैल रात नौ बजे 9 मिनट तक दीया जलाएं

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस 5 अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। 130 करोड़ देशवासियों के महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। 5 अप्रैल, रविवार को रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं।

Dharmendra kumar
Published on: 3 April 2020 3:19 AM GMT
PM मोदी की देशवासियों से अपील, 5 अप्रैल रात नौ बजे 9 मिनट तक दीया जलाएं
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने दुनियाभर में तांड़व मचाया हुआ है। अब भारत में भी इस जानलेवा वायरस ने तेजी से पैर पसारना शुरू कर दिया है। दो से तीन दिनों में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ।

पिछले दो से तीन दिनों में कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस की संख्या तेजी से बढ़ी है और ये आंकड़ा 2500 के पार चला गया है। इस महासंकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक बार फिर देशवासियों को वीडियो संदेश के जरिए संबोधित कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों, कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ देशव्यापी लॉकडाउन को आज 9 दिन हो रहे हैं। इस दौरान आप सभी ने जिस प्रकार अनुशासन और सेवा भाव, दोनों का परिचय दिया है, वो अभूतपूर्व है।



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प्रधानमंत्री ने कहा कि इस 5 अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। 130 करोड़ देशवासियों के महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। 5 अप्रैल, रविवार को रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं। ध्यान से सुनिएगा, 5 अप्रैल को रात 9 बजे घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं।

उन्होंने कहा कि आपने जिस प्रकार, 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया, वो भी आज सभी देशों के लिए एक मिसाल बन गया है। आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं। साथियों, आज जब देश के करोड़ों लोग घरों में हैं, तब किसी को भी लग सकता है कि वो अकेला क्या करेगा। कुछ लोग ये भी सोच रहे होंगे कि इतनी बड़ी लड़ाई को, वो अकेले कैसे लड़ पाएंगे।



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पीएम मोदी ने कहा कि ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है। हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होती है। इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए। ये साक्षात्कार, हमें मनोबल देता है, लक्ष्य देता है, उसकी प्राप्ति के लिए ऊर्जा देता है, हमारा मार्ग और स्पष्ट करता है। साथियों, कोरोना महामारी से फैले अंधकार के बीच, हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है।

पीएम मदी ने कहा कि इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है। इस अंधकारमय कोरोना संकट को पराजित करने के लिए, हमें प्रकाश के तेज को चारो दिशाओं में फैलाना है। उन्होंने कहा कि और इसलिए, इस Sunday,यावी रविवार 5 अप्रैल को, हम सबको मिलकर, कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है।



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प्रधानमंत्री ने कहा कि इस 5 अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। 130 करोड़ देशवासियों के महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। 5 अप्रैल, रविवार को रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं। ध्यान से सुनिएगा, 5 अप्रैल को रात 9 बजे घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं।



उन्होंने कहा कि और उस समय यदि घर की सभी लाइटें बंद करेंगे, चारो तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा, तब प्रकाश की उस महाशक्ति का ऐहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, ये उजागर होगा। पीएम मोदी ने कहा कि उस प्रकाश में, उस रोशनी में, उस उजाले में, हम अपने मन में ये संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं, कोई भी अकेला नहीं है !!! 130 करोड़ देशवासी, एक ही संकल्प के साथ कृतसंकल्प हैं।

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उन्होंने कहा कि साथियों, मेरी एक और प्रार्थना है, कि इस आयोजन के समय किसी को भी, कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाज़े, बालकनी से ही इसे करना है। उन्होंने कहा कि Social Distancing की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है। Social Distancing को किसी भी हालत में तोड़ना नहीं है। कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है।



उन्होंने कि हमारे यहां कहा गया है- उत्साहो बलवान् आर्य, न अस्ति उत्साह परम् बलम्। स उत्साहस्य लोकेषु, न किंचित् अपि दुर्लभम्॥ यानि, हमारे उत्साह, हमारी spirit से बड़ी force दुनिया में कोई दूसरी नहीं है।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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