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कोरोना इफेक्ट: हटाए गए बिहार के स्वास्थ्य सचिव उदय सिंह कुमावत

बिहार में चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने कमर कस ली है। बिहार सरकार ने इसकी शुरुआत स्वास्थ्य विभाग के सबसे ऊँचे महकमे से की है।

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Published on: 27 July 2020 9:59 PM IST
कोरोना इफेक्ट: हटाए गए बिहार के स्वास्थ्य सचिव उदय सिंह कुमावत
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पटना: बिहार में चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने कमर कस ली है। बिहार सरकार ने इसकी शुरुआत स्वास्थ्य विभाग के सबसे ऊँचे महकमे से की है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत का तबादला कर दिया है। उनसे स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी छीन ली गई है और अब इसे वरिष्ठ आईएएस प्रत्यय अमृत को दिया गया है।

उदय सिंह के तबादले के पीछे वजह ये बताई जा रही है कि जिस तरह से बिहार में हाल में एनएमसीएच समेत राज्य के स्वास्थ्य महकमें के बिगड़ते सूरते-ए-हाल की तस्वीरें सामने आईं थीं तभी ये तय हो गया था कि कुमावत की स्वास्थ्य विभाग की कुर्सी जाना तय है।

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कुमावत को हटाने कानोटिफिकेशन जारी

अब खबर ये भी आ रही है कि नीतीश सरकार ने उदय सिंह कुमावत के तबादले का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। सरकार ने अब वरिष्ठ आईएएस प्रत्यय अमृत को स्वास्थ्य विभाग का प्रधान सचिव के पद पर नियुक्त किया है।

कहा तो ये भी जा रहा है कोरोना के खिलाफ जंग में उदय सिंह कुमावत सरकार की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। जिसके बाद से ही उनके खिलाफ कार्रवाई के आसार दिखाई देने लगे थे।

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कोरोना से मौत होने पर 14 घंटे तक घर पर ही पड़ा रहा शव

कोलकाता के दक्षिण 24 परगना जिले से इंसानियत को शर्मसार करने देने वाली घटना सामने आई है। यहां कोरोना वायरस से एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई। उसकी उम्र 65 साल थी।

उसके घरवालों का आरोप है कि उनके आवास में मृतक का शव 14 घंटे तक पड़ा रहा। लेकिन, बार-बार कॉल किए जाने के बावजूद न तो पड़ोस से किसी ने कोई मदद की और न ही स्थानीय पार्षद ने फोन उठाया।

परिवार के सदस्यों ने बताया कि करीब 65 वर्ष की आयु के व्यक्ति की रविवार की आधी रात को मौत हो गई थी। मृतक के भाई ने बताया कि हमने पार्षद अशोक मंडल से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी भी कॉल का जवाब नहीं मिला।

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विधायक के हस्तक्षेंप पर मिली मदद

हमने राज्य स्वास्थ्य विभाग से भी संपर्क किया लेकिन किसी ने मदद नहीं की।’ , ‘मेरे बड़े भाई के अलावा परिवार के तीन अन्य लोगों की भी कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। दादा(भाई) की रविवार रात 11.55 बजे मृत्यु हो गई।

उन्होंने बताया कि पड़ोस से भी कोई मदद के लिए नहीं आया। जब राज्य के मंत्री और स्थानीय विधायक पार्थ चटर्जी ने हस्तक्षेप किया, तब जाकर शव का अंतिम संस्कार हो पाया।



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