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IIT ने खोज निकाला कोरोना से बचने का फार्मूला, शोध में पता चली ये बड़ी बात

आईआईटी जोधपुर के बायो साइंस विभाग में कोरोना को लेकर एक रिसर्च किया गया, जिसके तहत दावा किया जा रहा है कि अब बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों की पहचान आसानी से की जा सकती है।

Shivani Awasthi
Published on: 27 April 2020 8:32 PM IST
IIT ने खोज निकाला कोरोना से बचने का फार्मूला, शोध में पता चली ये बड़ी बात
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जोधपुर: कोरोना वायरस को लेकर लोगों में सबसे बड़ी समस्या ये आ रही है कि कुछ संक्रमितों में वायरस के लक्षण ही नहीं दिख रहे। ऐसे में संक्रमण का पता लगने से पहले उसके प्रसार का खतरा ज्यादा हो जाता है। इसी बड़ी समस्या को आईआईटी जोधपुर ने दूर कर दिया है। आईआईटी में हुए एक शोध में बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों की पहचान का फार्मूला निकाल लिया है।

आईआईटी जोधपुर ने किया बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों पर शोध

दरअसल, आईआईटी जोधपुर के बायो साइंस विभाग में कोरोना को लेकर एक रिसर्च किया गया, जिसके तहत दावा किया जा रहा है कि अब बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों की पहचान आसानी से की जा सकती है। आईआईटी जोधपुर के इस शोध को अमेरिकन केमिकल सोसायटी के जनरल न्यूरोसाइंस में भी प्रकाशित किया गया है।

शोध के मुताबिक़, कोरोना रोगियों में सूँघने की क्षमता हो जाती है खत्म

शोध के मुताबिक, कोरोना पॉजिटिव रोगियों में सूंघने की क्षमता खत्म हो जाती है। ऐसे में गन्ध के आधार पर स्क्रीनिंग कर कोरोना वायरस के रोगियों का पता लगाया जा सकता है।

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वैज्ञानिकों के मुताबिक़, शरीर में वायरस के प्रवेश बिंदु SARS-CoV-2 hACE2 (ह्यूमन एंजियोटेंसिन कन्वर्टिंग इंजाइम 2) नामक एक विशिष्ट मानव रिसेप्टर के सम्पर्क में आता है। जिसके बाद वायरस फेफड़ों समेत शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलता जाता है।

एनोस्मिया और एगिसिया से कोरोना मरीजों का चलेगा पता

ऐसे में भले ही उन में कोरोना के लक्षण नहीं दिखते लेकिन उनमे सूँघने या स्वाद को पहचानने की क्षमता खत्म हो जाती है। सूंघने की शक्ति खत्म होने को एनोस्मिया और जीभ पर स्वाद न मिलने की क्षमता को एगिसिया कहा जाता है।

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समय रहते कोरोना संक्रमितों को बचाया होगा आसान

अब बिना लक्षण वाले रोगियों को आसानी से पहचान कर उनकी नेफ्रोलॉजिस्ट से जांच कराई जा सकती है और इस सेल्फ क्वारनटीन किया जा सकता है। ऐसे में समय रहते इन रोगियों को कोरोना से बचाया जा सकता है, वहीं वायरस के प्रसार को भी रोका जा सकता है।

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Shivani Awasthi

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