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कोरोना की जांच में तेजी लाने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उठाया ये बड़ा कदम

भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में अनु सचिव अमित विश्वास ने ईएनटी विशेषज्ञों का उपयोग कोरोना संदिग्धों के सैम्पल कलेक्शन के लिए करने के संबंध में लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना जांच में सैम्पल कलेक्शन एक अहम कड़ी है।

Aditya Mishra
Published on: 13 April 2020 8:40 AM GMT
कोरोना की जांच में तेजी लाने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उठाया ये बड़ा कदम
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: कोरोना वायरस की जांच के लिए अब देश के सभी राज्यों में सैम्पल लेने का काम ईएनटी विशेषज्ञों द्वारा किया जायेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को पत्र लिख कर संबंधित राज्य के सभी सरकारी व निजी मेडिकल कालेजों के ईएनटी विशेषज्ञों को इस कार्य में लगाने को कहा है। मौजूदा समय में यूपी में लैब टेक्निशियन सैम्पल कलेक्शन का काम कर रहे है।

भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में अनु सचिव अमित विश्वास ने ईएनटी विशेषज्ञों का उपयोग कोरोना संदिग्धों के सैम्पल कलेक्शन के लिए करने के संबंध में लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना जांच में सैम्पल कलेक्शन एक अहम कड़ी है।

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सही तरीके से सैम्पल कलेक्शन बहुत जरूरी

उन्होंने लिखा है कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए सही तरीके से सैम्पल कलेक्शन बहुत जरूरी है। ऐसे में सैम्पल कलेक्शन के लिए प्रशिक्षित और कुशल सैम्पल लेने वालों की बहुत आवश्यकता है।

केन्द्रीय अनु सचिव ने अपने पत्र में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया है िकवह अपने राज्यों में कोविड-19 मामलों के सैम्पलों का कलेक्शन करने के लिए ईएनटी विशेषज्ञों का उपयोग करें।

उन्होंने कहा है कि राजकीय व निजी मेडिकल कालेजों में कार्य कर रहे इन पेशेवरों का इस्तेमाल इसके लिए किया जा सकता है। इसके लिए सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सभी अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव स्वाथ्य व चिकित्सा शिक्षा इस संबंध में स्वास्थ्य संस्थानों को आवश्यक निर्देश दे, जिससे कि सैम्पल कलेक्शन का काम पेशेवर तरीके से कराया जा सके।

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कोरोना संदिग्धों की जांच की पहली कड़ी सैम्पल कलेक्शन

इस संबंध में राजधानी लखनऊ के चिकित्सक डा. मनोज गोविला ने बताया कि कोरोना संदिग्धों की जांच की पहली कड़ी सैम्पल कलेक्शन ही है। उन्होंने बताया कि इसमे चूक होने पर कोरोना की सही जांच नहीं हो सकती है।

उन्होंने बताया कि कोरोना की जांच के लिए नाक व गले के स्वैब का सैम्पल लिया जाता है। इसमे नाक का स्वैब लेने के लिए पेशेवर ईएनटी की जरूरत पड़ती है। क्योंकि यह नाक के करीब नौ सेमी. अंदर तक स्वैब ले जाकर लेना पड़ता है और इस बीच यह भी ध्यान रखना होता है कि संदिग्ध को छींक न आए।

डा. गोविला का कहना है कि इस पर ध्यान देना इसलिए जरूरी है कि सही तरीके से सैम्पल नहीं लेने से कोरोना पाजिटिव मरीज की रिपोर्ट भी निगेटिव आ सकती है।

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Aditya Mishra

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