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मौत के मुहाने पर खड़ा ये देश, लोगों की जान बचाने के लिए भारत से खरीदी ये दवा

कोरोनावायरस के बढ़ते प्रसार के मद्देनजर दुनिया के तमाम ‘विकसित’ देश भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। और इसका कारण है भारत में दवाई का मजबूत प्रोडक्शन।

Aditya Mishra
Published on: 11 April 2020 7:21 AM GMT
मौत के मुहाने पर खड़ा ये देश, लोगों की जान बचाने के लिए भारत से खरीदी ये दवा
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वाशिंगटन: कोरोनावायरस के बढ़ते प्रसार के मद्देनजर दुनिया के तमाम ‘विकसित’ देश भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। और इसका कारण है भारत में दवाई का मजबूत प्रोडक्शन।

जी हां, अब ब्रिटेन ने शुक्रवार को उम्मीद जतायी कि भारत से पैरासिटामॉल दवा के 30 लाख पैकेट की पहली खेप 48 घंटे के भीतर देश में आ जाएगी। इसके लिये उसने भारत सरकार का आभार भी व्यक्त किया।

बता दे कि ब्रिटेन में भी संक्रमित लोगों को पैरासिटामॉल की डोज दी जा रही है। ऐसे में ब्रिटेन के बाजारों में इस दवा की मांग में एकसाथ काफी वृद्धि हो गई। इसकी वजह से वहां के बाजारों से ये दवा गायब हो गई। ऐसे में इस दवा की उपलब्ध ता बनाए रखने के लिए ब्रिटेन ने भारत से पैरासिटामॉल के करीब 30 लाख पैकेट की खरीद की है।

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भारत सरकार ने दी 28 लाख पैकेट्स के निर्यात की मंजूरी

ब्रिटेन में पैरासिटामॉल की मांग में इजाफा होता देख जमाखोरों ने भी इस दवा को इकट्ठा करना शुरू कर दिया। इससे ये दवा सुपरमार्केट्स से गायब हो गई।

इसके बाद ब्रिटेन की सरकार ने भारतीय फार्मास्युसटिकल कंपनी पेरिगो को पैरासिटामॉल आपूर्ति का ऑर्डर दिया। भारत सरकार ने पेरिगो को ब्रिटेन के लिए 28 लाख पैकेट्स की आपूर्ति करने की अनुमति दे दी है।

इन पैकेट्स को 40 फीट के 10 कंटेनर्स में भरकर जहाजों पर लादा जा चुका है। ब्रिटेन पहुंचने के बाद सरकार इन पैकेट्स को देश के बड़े सुपरमार्केट्स और खुदरा विक्रेताओं तक पहुंचवाएगी।

ब्रिटेन ने बताया दुनिया के सामने खड़ा सबसे बड़ा खतरा

ब्रिटेन की अंतरराष्ट्री य कारोबार सचिव (ITS) लिज ट्रस (Liz Truss) ने कहा कि कोरोना वायरस दुनिया के सामने पिछले कुछ दशक में आया सबसे बड़ा खतरा है। इसलिए ये जरूरी है कि वैश्विक कारोबार को सुचारू रखने के लिए हम सब मिलकर काम करें और आपूर्ति जारी रहे।

उन्होंरने कहा कि भारत से आपूर्ति होने के बाद ब्रिटेन के सुपरमार्केट्स और रिटेलर्स के पास पैरासिटामॉल के 30 लाख अतिरिक्त पैकेट्स उपलब्ध होंगे। उन्होंने ये सौदा पूरा होने का श्रेय भारत और ब्रिटेन के अधिकारियों की जबरदस्त मेहनत को दिया। उन्होंने वायरस से मुकाबला करने के लिए भविष्य में भी भारत और अन्य देशों के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।

कोरोना वायरस से लड़ाई में पैरासिटामॉल ही जरूरी क्यों

अब सवाल ये उठता है कि ब्रिटेन समेत कई अन्यल देश भारत से पैरासिटामॉल की खरीद क्यों कर रहे हैं। दरअसल, पैरासिटामोल क्रोसिन, कालपोल और डोलो जैसी दवाइयों के लिए एक एक्टिव फार्मास्युकटिकल इंग्रेडिएंट (API) है यानी इसका इस्तेलमाल कच्चे माल के तौर पर किया जाता है। पैरासिटामॉल दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले दर्द निवारक और बुखार निवारक में एक है। फिलहाल दुनियाभर में इसका इस्तेदमाल कोरोना वायरस के लक्षणों का इलाज करने के लिए किया जा रहा है, जिसमें बुखार और शरीर दर्द शामिल हैं।

ब्रिटिश डॉक्टैर ने पैरासिटामॉल से इलाज का किया था दावा

ब्रिटेन की एक डॉक्टर ने दावा किया था कि अगर ठीक से आइसोलेशन में रहा जाए और डाइट कंट्रोल की जाए तो कोरोना वायरस को आसानी से मात दी जा सकती है। 60 साल की डॉक्टर क्लेयर ग्रेडा जनरल प्रैक्टिसनर रह चुकी हैं।

उनका दावा था कि उन्हें संक्रमण हो गया था, लेकिन उन्होंने खुद ही इसे ठीक कर लिया। उनके मुताबिक, उन्होंने कुछ पैरासिटामॉल, चिकन सूप और नींबू पानी से कोरोना का इलाज कर लिया है।

क्लेयर ब्रिटेन के रॉयल कॉलेज ऑफ जीपी की हेड रह चुकी हैं। उन्होंने बताया था कि वह एक कांफ्रेंस के लिए न्यूयॉर्क गई थीं। वहां से लौटकर उन्हें पता चला कि उन्हें कोरोना संक्रमण हो गया है।

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डॉ. क्लेयर ने बताया, दिन में तीन बार ली पैरासिटामॉल

डॉ. क्ले यर ग्रेडा को बुखार, सूखी खांसी, ठंड लगना, गला खराब, चक्कर, जोड़ों में दर्द, सांस फूलना और जोड़ो में दर्द जैसी परेशानियां हो रही थीं। बता दें कि ये सभी लक्षण कोरोना वायरस के हैं।

क्लेयर ने ठीक होने के बाद एक वीडियो में दावा किया है कि उन्होंने कैसे अपना इलाज किया। उन्होंने जीपी मैगजीन के लिए इस बारे में एक आर्टिकल भी लिखा। क्लेयर के मुताबिक उन्हें किसी भी महंगी दवा की जरूरत नहीं पड़ी।

उन्होंने कहा कि मैंने दिन में तीन बार पैरासिटामॉल की टेबलेट ली और और बार-बार नींबू पानी पीती रही। इसके बाद ब्रिटेन के सुपरमार्केट्स में पैरासिटामॉल की खरीद के लिए लोगों की लाइन लग गई।

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Aditya Mishra

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