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लॉकडाउन: मां को भी सरपंच बेटे ने गांव में नहीं घुसने दिया, गई थीं रिश्तेदार के घर
कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन लागू है जिसका सख्ती से पालन कराया जा रहा है। तेलंगाना के कई गांव के लोगों ने अपने यहां बैरीकेटिंग लगाकर गांव में आना-जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है।
हैदराबाद: कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन लागू है जिसका सख्ती से पालन कराया जा रहा है। तेलंगाना के कई गांव के लोगों ने अपने यहां बैरीकेटिंग लगाकर गांव में आना-जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। वे लोग न तो किसी को गांव से बाहर जाने दे रहे हैं, न ही किसी को गांव में आने दे रहे हैं।
हैदराबाद के संगारेड्डी गांव में लॉकडाउन के नियमों पर सरपंच इतना सख्त हैं कि कि गांव के बाहर गई अपनी मां तक को उन्होंने गांव में वापस नहीं आने दिया।
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यह मामला राज्य के सिरगापूर मंडल के गोइसाइपल्ली गांव का है। जहां सरपंच ने इतना सख्त रवैया अपनाया कि उन्होंने अपनी मां को गांव में नहीं घुसने दिया। उन्होंने कहा कि उनकी मां तुलसम्मा एक रिश्तेदार के यहां गई थीं। वह गांव वापस आईं तो उन्हें प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया गया। सरपंच ने उन्हें वापस रिश्तेदार के यहां जाने को कहा।
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इसके बाद भी उनकी मां काफी देर इंतजार करती रहीं। लेकिन जिद करने और झगड़ा करने के बाद भी सरपंच ने अपनी मां को गांव में घुसने नहीं दिया तो वह मजबूरी में वापस रिश्तेदार के यहां लौट गईं।
नलगोंडा जिले में 23 साल के वुदुथा अखिल यादव मदनापुरम गांव के सरपंच हैं। वह गांव के एंट्री प्वाइंट पर खड़े रहते हैं। कई बार उन्हें डंडे का भी प्रयोग करना पड़ता है ताकि लॉकडाउन का पालन हो सके। गांव में कोई भी बाहरी प्रवेश नहीं कर पा रहा न ही कोई बाहरी उनके गांव की तरफ आ सकता है।
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खम्मम के कोनिजेरला में गांव तनिकेल्ला के बाहर तो एक बड़ा बैनर लगाया गया है। गांव के बाहर लिखा है कि आप हमारे गांव मत आइए, हम आपके गांव नहीं आएंगे। गांव की एंट्री प्वाइंट बंद करने के लिए पेड़ों की बड़ी-बड़ी टहनियां काटकर डाल दी गई हैं।