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Coronavirus: कब घोषित की जाती है महामारी और इसके बाद क्या करना होता है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी की घोषणा के बाद कईयों के मन में ये सवाल उठते है कि महामारी (पैनडेमिक) किन परिस्थितियों  में घोषित की जाती है। मेडिकल साइंस की भाषा में महामारी ऐसे हालात को कहा जाता है जिसके कारण दुनियाभर में एक ही समय पर बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो जाते हैं।

Aditya Mishra
Published on: 12 March 2020 1:15 PM GMT
Coronavirus: कब घोषित की जाती है महामारी और इसके बाद क्या करना होता है?
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नई दिल्ली: विश्व स्तर पर कोरोना वायरस के कहर ने अब तक 4,630 लोगों की जान ले ली है वहीं 125,968 संक्रमित मामले सामने आए हैं और भारत में अब तक 73 संक्रमित मामले सामने आ चुका है।

भारत ने कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए और इसे रोकने के उद्देश्य से 15 अप्रैल तक सभी पर्यटन वीजा निलंबित कर दिए हैं। 113 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दिया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय भी अलर्ट मोड में है।

किस स्थिति में घोषित होती है महामारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी की घोषणा के बाद कईयों के मन में ये सवाल उठते है कि महामारी (पैनडेमिक) किन परिस्थितियों में घोषित की जाती है। मेडिकल साइंस की भाषा में महामारी ऐसे हालात को कहा जाता है जिसके कारण दुनियाभर में एक ही समय पर बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो जाते हैं।

आसान शब्दों में कहें तो किसी वायरस से फैलने वाली बीमारी अधिक स्तर पर फैलती है और दुनियाभर के लोगों को नुकासन पहुंचाती है तो इश स्थिति में विश्व स्वास्थ्य संगठन उस बीमारी को महामारी घोषित कर सकता है। इसमें एक और बात है कि जब कोई बिमारी लोगों में आसानी से फेसती है तो उस बीमारी को महामारी घोषित किया जा सकता है।

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महामारी की घोषणा कब होती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार महामारी की घोषणा कब करनी है इसकी कोई समय सीमा नहीं है। इसमें देखा जाता है कि एक निश्चित समय में मृत्यु या संक्रमण तेजी से बढ़ता है, ऐसी स्थिति में महामारी की घोषणा होने की संभावना बढ़ जाती है।

महामारी (pandemic) और स्थानीय महामारी (Epidemic) में फर्क

वह बीमारी जो दुनिया भर में फैल जाती है उसे पैनडेमिक या महामारी कहते हैं जबकि एपिडेमिक किसी एक देश, राज्य, क्षेत्र या सीमा तक सीमित होती है। जैसे साल 1918 से 1920 तक फैले स्पैनिश फ्लू को महामारी घोषित किया गया था क्योंकि इससे कई देशों में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए थे।

इससे करोड़ों मौत हो गई थी। वहीं 2014-15 में फैले इबोला को एपिडेमिक घोषित किया गया क्योंकि यह बीमारी लाइबेरिया और उसके पश्चिम अफ्रीका के कुछ पड़ोसी देशों में फैली थी।

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महामारी घोषित होने के बाद क्या करना होता है?

जब किसी बीमारी को महामारी घोषित कर दिया जाता है तो इसका मतलब बीमारी लोगों के बीच आपस में एक-दूसरे में फैलेगी।

यह सरकार के लिए एक तरह अलर्ट का काम करता है। सरकार और हेल्थ सिस्टम को बीमारी से निपटने के लिए विशेष तैयारी करनी पड़ती है।

आधुनिक समय में महामारी के खतरे

पहले के मुकाबले आज के समय में लोगों का एक-जगह से दूसरी जगह खूब आना-जाना होता है। इससे वायरस को फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

संचार के तेज साधन की वजह से बीमारी की सूचना तेजी से फैल जाती है। इससे लोगों में डर पैदा होता है।

डर की हालत में लोग एक जगह से बचने के लिए दूसरी जगह जा सकते हैं जिनके साथ वायरस दूसरी जगह भी पहुंच सकता है।

कुल मिलाकर मौजूदा समय में बीमारी को व्यापक पैमाने पर दुनिया भर में फैलने का खतरा ज्यादा है।

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Aditya Mishra

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