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मौलाना साद को हो सकती है उम्रकैद, पुलिस ने इस कड़ी धारा में दर्ज किया केस
दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद कांधलवी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। यह हत्या के किसी भी तरह के मामले में दूसरी सबसे बड़ी धारा है।
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद कांधलवी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। यह हत्या के किसी भी तरह के मामले में दूसरी सबसे बड़ी धारा है। निजामुद्दीन मरकज में हुए जमात के कार्यक्रम में शामिल कुछ लोगों की कोरोना वायरस से मौत और जमात में शामिल लोगों से कोरोना वायरस तेजी से फैलने के बाद यह कदम उठाया गया है।
पुलिस और भी कड़ी धारा लगा सकती है
कानूनी विशेषज्ञों के मुतबाकि अगर जांच में अधिक गंभीर अपराधों का पता चलता है तो पुलिस इस मामले में और भी कड़ी धाराएं जोड़ने के लिए स्वतंत्र है। मीडिया रिपोर्ट में पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि साद और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 जोड़ी गई है।
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वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए से कहा है कि यह 304 के बजाय धारा 302 का एक स्पष्ट मामला है। तबलीगी जमात के लोग मार्च में हुए कार्यक्रम में घोर आपराधिक लापरवाही कर रहे थे, जो देशभर में पॉजिटिव (कोरोना) लोगों के बड़े हिस्से के लिए जिम्मेदार हैं। वे जानते थे कि उनके इस कार्य से संक्रमण फैल जाएगा, जिससे काफी मौतें होने की संभावना है।
...तो हो सकती है उम्रकैद
रोहतगी ने कहा कि मामले में तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। मौलवी को आखिरी बार 28 मार्च को देखा गया था। बाद में एक ऑडियो संदेश के माध्यम से उन्होंने खुद से एकांतवास में होने का दावा किया था। धारा 304 के मुताबिक दोषी ठहराए जाने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है। यह सजा 10 साल तक बढ़ाई भी जा सकती है।
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इससे पहले मौलाना साद के खिलाफ उन धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था जिसमें जमानत मिल सकती थी। मगर अब धारा 304 शामिल होने के बाद साद के लिए जमानत पाना कठिन होगा।
तो वहीं एक वरिष्ठ अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि यह धारा हत्या के किसी मामले में दूसरी डिग्री के रूप में समझी जा सकती है। इसमें किसी की मौत का इरादा तो नहीं है, लेकिन उन्होंने एक ऐसा काम किया है, जो इतना खतरनाक है और इससे मौत होने की संभावना है।
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भाटी के मुताबिक फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है, क्योंकि ये लोग अभी तक इसमें शामिल नहीं हुए हैं। जांच के किसी भी चरण में अगर यह पाया जाता है कि साजिश में उनकी भूमिका या अपराध बहुत अधिक जघन्य हैं तो चार्जशीट दाखिल होने से पहले और भी कड़ी धाराएं जोड़ी जा सकती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर आरोपी इस स्तर पर जांच में शामिल नहीं होते हैं, तो यह अपराध को और भी बड़ा करने वाली बात होगी।