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भारत में 16 जनवरी से लगाया जाएगा कोरोना का टीका, यहां पढ़ें पूरी डिटेल्स

ड्राई रन की कवायद इसलिए की गई ताकि फाइनल अभियान लॉन्च करने से पहले उसकी खामियों को दूर किया जा सके। इसके अलावा अभियान में शामिल प्रोग्राम मैनेजर्स को हैंड्सऑन अनुभव भी मिलेगा।

Aditya Mishra
Published on: 9 Jan 2021 11:38 AM GMT
भारत में 16 जनवरी से लगाया जाएगा कोरोना का टीका, यहां पढ़ें पूरी डिटेल्स
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ड्राइ रन के तहत, कोविड-19 टीके के कोल्ड स्टोरेज, उसके ढुलाई का इंतजाम टीका स्थल पर भीड़ का प्रबंधन एक दूसरे के बीच दूरी बनाने की व्यवस्था आदि को भी परखा गया।

नई दिल्ली: कोरोना पर प्रहार के लिए देश में टीकाकरण कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू होगा। सबसे पहले 3 करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। इसके बाद 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जाएगी।

वैक्सीन जनता की सुरक्षा के लिए है – हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा है कि देश को टीकाकरण का अनुभव है और ये वैक्सीन जनता की सुरक्षा के लिए है, इसे लेकर कोई गलतफहमी न रखें।’ स्वास्थ्य मंत्री ने खुद दिल्ली के जीटीबी अस्पताल जाकर ड्राई रन का जायजा लिया।

दिल्ली में ड्राई रन के लिए साउथ वेस्ट जिले में द्वारका के वेंकटेश्वर हॉस्पिटल का चयन किया गया है। जबकि सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में दरियागंज डिस्पेंसरी को चुना गया है।’ वहीं, शहादरा जिले में दिलशाद गार्डन के गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल में ड्राई रन किया गया है।’

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corona test kit कोरोना (फोटो-सोशल मीडिया)

यूपी और हरियाणा में पहले ही हो चुका है ड्राई रन

उत्तर प्रदेश और हरियाणा को छोड़कर देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी जिलों में 8 जनवरी को कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) किया गया था।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक प्रत्येक जिले में दो जनवरी को हुए पूर्वाभ्यास की तरह ही तीन तरह के सत्र स्थलों की पहचान की गई है जिनमें एक सार्वजनिक जनस्वास्थ्य प्रतिष्ठान (जिला अस्पताल/मेडिकल कॉलेज), निजी स्वास्थ्य प्रतिष्ठान और ग्रामीण या नगरीय पहुंच स्थल शामिल हैं।

रिहर्सल के दौरान इन सबकी हुई पड़ताल

ड्राइ रन के तहत, कोविड-19 टीके के कोल्ड स्टोरेज, उसके ढुलाई का इंतजाम टीका स्थल पर भीड़ का प्रबंधन एक दूसरे के बीच दूरी बनाने की व्यवस्था आदि को भी परखा गया।

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Serum Institute Pune कोरोना टीकाकरण (फोटो-सोशल मीडिया)

कोविड वैक्सीनेशन का ड्राई रन क्यों

ड्राई रन की कवायद इसलिए की गई ताकि फाइनल अभियान लॉन्च करने से पहले उसकी खामियों को दूर किया जा सके। इसके अलावा अभियान में शामिल प्रोग्राम मैनेजर्स को हैंड्सऑन अनुभव भी मिलेगा।

दरअसल, रिहर्सल से कोविड-19 टीके को जुटाने और टीकाकरण की जांच प्रक्रिया, उपयोग, नियोजन, क्रियान्वयन, रिेपोर्टिंग के बीच तालमेल, चुनौतियों की पहचान, वास्तविक क्रियान्वयन के बारे मे मार्गदर्शन, यदि किसी सुधार की जरुरत हो तो उसे चिह्नित करना, आदि का पता लगाना आसान हो जाता है।

क्या होता है ड्राई रन?

ड्राई रन का मतलब ये है कि पूरे टीकाकरण प्रोसेस की मॉक ड्रिल होगी। यानी सबकुछ वैसा ही होगा जैसा टीकाकरण अभियान में होने वाला है, सिवाय वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के।

मतलब ये कि डमी वैक्सीन कोल्डि स्टोबरेज से निकलकर वैक्सीरनेशन सेंटर तक पहुंचेगी। साइट्स पर क्राउड मैनेजमेंट को भी टेस्टट किया जाएगा।

वैक्सीसन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग को भी परखा जाएगा। कुल मिलाकर असली वैक्सीसन देने को छोड़कर बाकी हर एक चीज होगी।

Corona कोरोना टीकाकरण का पूर्वाभ्यास(फोटो: सोशल मीडिया)

ड्राई रन के बाद आगे क्या- क्या होगा?

दो दिन तक ड्राई रन चलने के बाद, एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। स्टेाट लेवल पर बनी टास्के फोर्स उसका रिव्यूी करेगी। इसके बाद रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी जाएगी।

केंद्रीय स्तर पर चारों राज्यों में चले ड्राई रन की फाइंडिंग का फिर रिव्यू होगा। अगर प्लान में बदलाव की जरूरत महसूस हुई तो वह भी किया जाएगा। अगर सबकुछ ठीक रहता है तो अभी के प्लान के हिसाब से ही जनवरी में टीकाकरण अभियान लॉन्च कर दिया जाएगा।

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