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वैक्सीनेशन को लेकर बड़ी खबर: एक अप्रैल से इनको भी लगेगा टीका, होगा फायदा
एक रिसर्च में पता चला है कि 65 साल से कम उम्र के लोगों को वायरस के हमले से करीब 80 फीसदी सुरक्षा मिलती है, लेकिन 65 साल के बाद सुरक्षा घटकर मात्र 47 फीसदी हो जाती है। डेनमार्क के शोधकर्ताओं ने नतीजा निकाला है।
नीलमणि लाल
नई दिल्ली: देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप है ऐसे में केंद्रीय कैबिनेट ने आज फैसला किया है कि पहली अप्रैल से 45 साल से ज्यादा की उम्र वाले सभी लोगों को कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध होगी। अभी तक 45 से 60 वर्ष के उन लोगों को वैक्सीन मिल रही है जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। अब पहले अप्रैल से ये शर्त हट जायेगी।
देश में अब तक 5 करोड़ लगी वैक्सीन की खुराकें
अब तक देश में 5 करोड़ वैक्सीन खुराकें लग चुकी हैं। 22 मार्च को रिकार्ड 32 लाख खुराकें लगाईं गयीं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 40,715 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 199 लोगों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई है। इसके साथ ही देश में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं।
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(फोटो- न्यूजट्रैक)
देश में संक्रमितों की संख्या हुई इतनी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक कुल 1 करोड़ 16 लाख 86 हजार 796 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, इसमें से 1 करोड़ 11 लाख 81 हजार 253 लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना के सक्रिय मामले बढ़कर 3 लाख 45 हजार 377 हो गए हैं। भारत में कोरोना से अब तक कुल 1 लाख 60 हजार 166 लोगों की मौत हो चुकी है।
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बीते 24 घंटों में देश में कोरोना के 10,731 सक्रिय मामले बढ़े हैं। इससे एक्टिव रेट की दर बढ़कर (2.96% हो गई है। देश की रिकवरी दर भी बढ़ रही है। बीते 24 घंटों में कोरोना से 29785 लोग ठीक हुए हैं। इससे रिकवरी रेट बढ़कर 95.67% हो गई है। भारत की कोरोना मृत्यु दर फिलहाल 1.37% है।
एक रिसर्च में पता चला है कि 65 साल से कम उम्र के लोगों को वायरस के हमले से करीब 80 फीसदी सुरक्षा मिलती है, लेकिन 65 साल के बाद सुरक्षा घटकर मात्र 47 फीसदी हो जाती है। डेनमार्क के शोधकर्ताओं ने नतीजा निकाला है। लांसेट में प्रकाशित शोध में बताया गया कि इसका मतलब है बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए उपाय करना जरूरी है क्योंकि उनको कोविड-19 से मौत का खतरा भी ज्यादा होता है। बुजुर्गों में बीमारी के गंभीर लक्षण और मौत का ज्यादा खतरा है।
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