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शव लेकर भागे: अंतिम संस्कार में हुआ हमला, मच गई अफरा-तफरी

कोरोना महामारी को लेकर लोगों के अंदर बेहद खौफ बैठ चुका है और ये इस कदर है कि लोग पीडिंतों से तो दूरी बना ही रहे हैं, साथ ही अब सार्वजनिक श्मशानों में भी उनके अंतिम संस्कार का विरोध कर रहे हैं।

Shreya
Published on: 3 Jun 2020 7:16 AM GMT
शव लेकर भागे: अंतिम संस्कार में हुआ हमला, मच गई अफरा-तफरी
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डोड: कोरोना महामारी को लेकर लोगों के अंदर बेहद खौफ बैठ चुका है और ये इस कदर है कि लोग पीडिंतों से तो दूरी बना ही रहे हैं, साथ ही अब सार्वजनिक श्मशानों में भी उनके अंतिम संस्कार का विरोध कर रहे हैं। एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जम्मू-कश्मीर के डोडा से, जहां पर लोग कोरोना की वजह से एक बुजुर्ग की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार पर विरोध जताने लगे। हालात इतने बेकार हो गए कि परिजन अधजला शव लेकर ही वहां से भाग पड़े।

स्थानीय लोग ने किया अंतिम संस्कार का विरोध

दरअसल, डोडा में एक 72 वर्षीय बुजुर्ग की कोरोना से मौत हो गई। जिसके बाद बुजुर्ग के परिजन शव के अंतिम संस्कार के लिए डोडा के ही दामान पहुंचे। इस दौरान प्रशासन के अधिकारी भी परिजनों के साथ थे। वहां पर जैसे ही अंतिम संस्कार शुरू हुआ, तभी स्थानीय लोगों ने इस पर विरोध जताना शुरू कर दिया।

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भीड़ ने परिजनों और अधिकारियों पर किया हमला

ये विरोध इतना बढ़ता चला गया कि भीड़ ने प्रशासन के अधिकारियों और मृतक के परिजनों पर लाठी-डंडें और पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। जिसके बाद परिजनों और अधिकारियों को वहां से अधजले शव को लेकर ही भागना पड़ा। हालांकि बाद में अधिकारियों ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार करते हुए नजर आए।

मृतक के बेटे का क्या है कहना?

मृतक के बेटे ने इस मामले के बारे में बताया कि, हम एक राजस्व अधिकारी और एक मेडिकल टीम के साथ अंतिम संस्कार के लिए निर्धारित जगह पर पहुंचे थे। जब श्मशान घाट पर चिता को जलाया जा रहा था तभी भारी संख्या में लोग वहां पहुंचकर अंतिम संस्कार को रोकने लगे।

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अधजले शव को लेकर ही भागना पड़ा

श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के दौरान मृतक की पत्नी, दो बेटे और करीबी रिश्तेदार मौजूद थे। जब भीड़ ने उन पर हमला करना शुरू कर दिया तो परिजनों को अधजले शव को लेकर ही भागना पड़ा।

मृतक के बेटे ने कहा सुरक्षा अधिकारियों ने भी नहीं की मदद

मृतक के बेटे का कहना है कि हमने अंतिम संस्कार के लिए शव को हमारे गृह जिले में ले जाने के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी। हमसे कहा गया था कि इस दौरान हमें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। मृतक के बेटे का आरोप है कि घटनास्थल पर मौजूद सुरक्षा अधिकारियों ने भी कोई मदद नहीं की। उनका कहना है कि घटनास्थल पर मौजूद दो पुलिसकर्मी भीड़ के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहे, साथ ही राजस्व अधिकारी भी वहां से लापता हो गए।

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