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Cyclone Amphan Live: बंगाल में अम्फान से तबाही, '283 साल पहले आया था ऐसा तूफान'

इस तूफ़ान के असर के कारण इन इलाकों में बारिश शुरू हो गई है और शाम तक हवा की रफ्तार भी डेढ़ सौ किलोमीटर प्रति घंटे को पार कर जाएगी। जबकि बुधवार सुबह से हवा की रफ्तार 250 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।

SK Gautam
Published on: 20 May 2020 8:34 AM GMT
Cyclone Amphan Live: बंगाल में अम्फान से तबाही, 283 साल पहले आया था ऐसा तूफान
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नई दिल्ली: एक तरफ पूरी दुनिया में कोरोना ने कहर मचा रखा है, तो वहीं दूसरी तरफ भारत में इस सदी का पहला सुपर साइक्लोन ‘अम्फान’ तबाही मचाने के लिए समुद्र तट से टकराएगा। इसके लिए मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कई इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है।

'अम्फान' की शुरूआती रफ़्तार 155 से 185 किलोमीटर प्रति घंटे

बता दें कि अब तक का सबसे भयानक सुपर साइक्लोन 'अम्फान' (Amphan Cyclone) के आज पश्चिम बंगाल के तट पर टकराने की संभावना है। इस दौरान इसकी रफ़्तार 155 से 185 किलोमीटर प्रति घंटे की हो सकती है। तेज़ हवाएं चलने और भारी बारिश का अनुमान है। भारत के मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक इस दौरान बंगाल के तटीय जिलों में भारी बारिश होगी और समुद्र में चार-पांच मीटर ऊंची लहरें उठेंगी।

मौसम विभाग के अनुसार यह चक्रवात उत्तर और उत्तर पश्चिम दिशा में काफी रफ्तार में आगे बढ़ रहा है। अनुमान है कि इसकी गति अभी और बढ़ेगी। साइक्लोन अम्फान आज दोपहर तक पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हादिया में टकरा सकता है।

हवा की रफ्तार 250 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है

बता दें कि इस तूफ़ान के असर के कारण इन इलाकों में बारिश शुरू हो गई है और शाम तक हवा की रफ्तार भी डेढ़ सौ किलोमीटर प्रति घंटे को पार कर जाएगी। जबकि बुधवार सुबह से हवा की रफ्तार 250 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। सुबह मौसम विभाग की तरफ से कहा गया था कि ये तूफान थोड़ा कमजोर पड़ गया है। लेकिन एक बार फिर से इसकी रफ्तार बढ़ गई है। इस तूफान का असर कई राज्यों पर पड़ेगा।


Live Update:

283 साल पहले आया था ऐसा तूफान

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि ऐसा तूफान 283 साल पहले 1737 में आया था। उन्होंने बताया कि उनके पास 10 से 12 लोगों की मौत की सूचना है। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि तूफान के कारण कई इलाके तबाह हो गए। संचार बाधित हो गए हैं। स्थानीय लोगों की मदद से, प्रशासन 5 लाख निवासियों को निकालने में सफल रहा. ऐसा विनाशकारी तूफान 1737 में आया था। सीएम ने कहा कि मैं वॉर रुम में बैठी हूं। नबाना में मेरा कार्यालय हिल रहा है। ये तूफान देर रात तक जारी रहेगा। चक्रवात के कारण दक्षिण और उत्तर 24 परगना लगभग पूरी तरह से तबाह हो गए हैं।

-भारी बारिश और तूफान के बाद कोलकाता के कई इलाकों में बिजली चली गई है। इसके साथ पश्चिम बंगाल में 5500 घरों को नुकसान पहुंचा है।

-बंगाल और ओडिशा में तूफान के साथ मूसलाधार बारिश हो रही है। दोनों ही राज्यों के कई इलाकों में पेड़ और दीवारें गिर गई हैं। तूफान से अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है। पश्चिम बंगाल में दो और ओडिशा में दो लोगों की मौत हो गई है।

तूफान अम्फान ने पश्चिम बंगाल में ली दो लोगों की जान

तूफान अम्फान ने पश्चिम बंगाल में दो लोगों की जान ले ली है। उत्तर 24 परगना जिले के मिनखा में एक 55 वर्षीय महिला की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि महिला पर पेड़ पर गिर गया था। वहीं, हावड़ा में एक टिन शेड के परखच्चे उड़ने और उसकी चपेट में आने से 13 साल की एक लड़की की मौत हो गई।

अम्फान का शाम तक कोलकाता के पास पहुंचने का अनुमान

अम्फान अभी सुंदरबन के ऊपर जा रहा, शाम तक कोलकाता के पास पहुंचने का अनुमान है बंगाल की खाड़ी में उठा तूफान अम्फान अब बहुत तेजी से पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ रहा है। सुपर साइक्लोन तट के किनारे की ओर जैसे बढ़ता जा रहा है, ऐसे ही खतरनाक होता जा रहा है। तूफान सबसे पहले ओडिशा से पारादीप से टकराएगा। पारादीप में तूफान की आहट दिखने लगी है, जहां तेज हवा के साथ बारिश हो रही है। वहीं, ओडिशा और बंगाल के तटीय इलाकों में सन्नाटा पसरा है।

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तूफान अम्फान का लैंडफाल हुआ शुरू

DG, NDRF ने कहा कि पूरे हालात पर हमारी नजर है, तूफान अम्फान का लैंडफाल शुरू हो गया है। कोरोना को देखते हुए सभी टीमों के पास PPE किट उपलब्ध करा दिए गए हैं।

तूफान सबसे पहले ओडिशा से पारादीप से टकराएगा।

पारादीप में तूफान की आहट दिखने लगी है, जहां तेज हवा के साथ बारिश हो रही है। वहीं, ओडिशा और बंगाल के तटीय इलाकों में सन्नाटा पसरा है।

करीब 100 किलोमीटर दूर तूफान के केंद्र में करीब 200 किलोमीटर की रफ्तार

बताया जा रहा है कि 21 साल बाद फिर तूफान से तबाही का खतरा है। अम्फान का पहला प्रहार पारादीप पर होगा, जहां अभी से तेज हवा के साथ बारिश हो रही है। बंगाल की खाड़ी में उठे अम्फान तूफान तेजी से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ रहा है। दोपहर तक तटों से इसके टकराने के आसार हैं। करीब 100 किलोमीटर दूर तूफान के केंद्र में करीब 200 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चल रही है।

सुरक्षित जगह पर पहुंचे 14 लाख से ज्यादा लोग

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ओडिशा और बंगाल के तटीय इलाकों में सन्नाटा पसरा है। कोरोना महामारी के बीच तूफान की तबाही की आशंका से लोग डर हुए हैं। तेज हवाओं से लोग खौफ में हैं। लोगों को लगातार सावधान रहने की हिदायतें दी जा रही हैं। उनसे घरों में रहने की अपील की जा रही है। प्रशासन ने 14 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया है। एनडीआरएफ की टीमें भी मोर्चे पर तैनात हैं।

NDRF प्रमुख एसएन प्रधान ने बताया

NDRF प्रमुख एसएन प्रधान ने बताया कि ओडिशा के तटिए इलाके में हवाओं की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई है। हालांकि, पश्चिम बंगाल में हवा उतनी तेज नहीं है। ओडिशा के बालासोर और भद्रक से 1.5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। वहीं पश्चिम बंगाल से 3.3 लाख लोगों को तटिए इलाकों से दूर ले जाया गया है। 14 लाख से भी ज्यादा लोगों को शिफ्ट किया गया है।

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6 मीटर तक ऊपर उठ सकती हैं लहरें

एसएन प्रधान ने बताया कि NDRF की टीम लगातार नजर बनाए हुए है। आईएमडी के अनुसार, तूफान के कारण समुद्र की लहरें तट से टकराते वक्त 4-6 मीटर ऊपर उठ सकती हैं और भूमि क्षेत्र में प्रवेश कर सकती हैं। एनडीआरएफ की टीमें तूफान से नुकसान को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर रही है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 41 टीमें तैनात हैं।

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चक्रवाती तूफान ओडिशा के पारादीप तट के पास पहुंचने वाला है। सुबह 8:30 बजे यह मात्र पारादीप टत से 120 किलोमीटर दूर पूर्व-दक्षिण पूर्व में था। यह सुंदरवन के पास है। हवा की रफ्तार अभी भी बना हुआ है। पारादीप तट पर हवा 102 की रफ्तार से बह रही है। मौसम विभाग ने दोपहर तक इसके तट से टकराने की संभावना जताई है।

1,19,075 लोगों को तटिए इलाके से दूर ले जाया गया

तूफान के खतरे को देखते हुए ओडिशा में 1704 कैम्प बनाए गए हैं। साथ ही 1,19,075 लोगों को तटिए इलाके से दूर ले जाया गया है। कैम्प्स के अलावा ओडिशा में 2000 से ज्यादा मकान तैयार हैं, जिनमें जरूरत पड़ने पर तटवर्ती इलाके के लोगों को रखा जाना है। इससे पहले ही यहां मछुआरों और समुद्र के किनारे रहने वाले लोगों को वहां से हटा लिया गया है।

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