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राहुल गांधी के डडा बयान पर नकवी का पलटवार, सोनिया गांधी को दी सलाह...

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस के नेता और सांसद राहुल गांधी के 'डंडा' वाले विवादजनक बयान पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को तंज कसा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपने 49 साल के बेटे को राजनीतिक प्ले स्कूल भेजना चाहिए,

suman
Published on: 9 Feb 2020 3:06 PM GMT
राहुल गांधी के डडा बयान पर नकवी का पलटवार, सोनिया गांधी को दी सलाह...
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस के नेता और सांसद राहुल गांधी के 'डंडा' वाले विवादजनक बयान पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को तंज कसा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपने 49 साल के बेटे को राजनीतिक प्ले स्कूल भेजना चाहिए, ताकि वह शालीनता और भाषा के संस्कार सीख सकें। राहुल ने बुधवार को दिल्ली में एक चुनावी रैली के दौरान मोदी को आगाह किया था कि अगर उन्होंने देश में बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं किया, तो अगले 6 से 8 महीने में युवा उनकी डंडे से पिटाई करेंगे।

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इस बयान को लेकर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर नकवी ने कहा, 'कांग्रेस के नेता अपने हाथ में कुल्हाड़ी लेकर घूमते हैं और मौका मिलते ही इसे अपने ही पैर पर दे मारते हैं। कांग्रेस के लोगों, खासतौर से सोनिया गांधी को सलाह देनी है कि वह अपने बेटे को किसी राजनीतिक प्लेस्कूल में भेजें, ताकि वह सियासत की एबीसीडी, गरिमा, शालीनता और भाषा के संस्कार सीख सकें।'

राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा, 'जनता के चुने प्रधानमंत्री को डंडा मारे जाने की बात सामान्य मानसिक संतुलन वाला कोई भी व्यक्ति नहीं कह सकता।' दिल्ली विधानसभा चुनावों के एक्जिट पोलों में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की सरकार में आसान वापसी के अनुमान पर नकवी ने कहा, 'हम एक्जिट पोलों के रुझानों पर भला क्या टिप्पणी करें? चुनावी नतीजे आने दीजिये।'

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नकवी ने कहा कि सीएए के खिलाफ पिछले कई दिन से जारी शाहीन बाग आंदोलन से दिल्ली के चुनावी परिदृश्य पर कोई फर्क नहीं पड़ा। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाये जाने, तीन तलाक प्रथा रोधी कानून और सीएए के मुद्दे राष्ट्र के सरोकारों और हितों से जुड़े हैं। इन मुद्दों को दलगत राजनीति और दिल्ली विधानसभा चुनावों के आगामी नतीजों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

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