×

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में अब पढ़ाया जाएगा ये नया इतिहास

कॉलेज में पढाई की बात करें तो मुगल सम्राट शाहजहां के बड़े बेटे दारा शिकोह की जीवनी जल्द ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के इतिहास विभाग के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने जा रही है। दारा शिकोह शाहजहां के बड़े बेटे और औरंगजेब के बड़े भाई थे, लेकिन औरंगजेब के साथ सत्ता संघर्ष में वह मारे गए थे।

Roshni Khan
Published on: 2 Jun 2023 9:42 PM GMT
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में अब पढ़ाया जाएगा ये नया इतिहास
X

नई दिल्ली: कॉलेज में पढाई की बात करें तो मुगल सम्राट शाहजहां के बड़े बेटे दारा शिकोह की जीवनी जल्द ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के इतिहास विभाग के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने जा रही है। दारा शिकोह शाहजहां के बड़े बेटे और औरंगजेब के बड़े भाई थे, लेकिन औरंगजेब के साथ सत्ता संघर्ष में वह मारे गए थे।

ये भी देखें:खुफिया एजेंसियों के सच को बताती है ‘द फैमिली मैन’, जानिए इसकी कहानी

एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में रखा गया प्रस्ताव

Image result for AMU

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में हिस्ट्री विभाग द्वारा बनाए गए प्रस्ताव को अपने यहां से पास करने के बाद यूजीसी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेज दिया गया है।

इतिहास विभाग के एचओडी प्रोफेसर अली नदीम रेजावी ने बताया कि 'दारा शिकोह ने सभी धर्मों को एक करने की बात की थी। उन्होंने कहा था कि हिंदू और मुसलमान दो ऐसे समुद्र की तरह हैं जो आपस में मिलते हैं। यही गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है।'

ये भी देखें:ओछी हरकत! नक्सलियों ने तेल टैंकर को उड़ाया, कई लोगों की मौत

प्रोफेसर अली नदीम रेजावी ने कहा कि, 'वर्तमान हालात को देखते हुए इतिहास विभाग की ओर से दारा शिकोह के अध्ययन का प्रपोजल तैयार किया गया। इस प्रस्ताव को यूनिवर्सिटी की एकेडमी काउंसिल ने पास कर दिया है।'

Image result for AMU

प्रोफेसर ने बताया कि पाठ्यक्रम में मध्यकालीन भारत के इतिहास की पढ़ाई होने से यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को इसका बहुत फायदा मिलेगा। प्रोफेसर अली नदीम रेजावी ने बताया कि अकबर के बाद दारा शिकोह ने भारत की गंगा जमुनी तहजीब पर बल दिया था। दारा शिकोह धर्मों के बीच शांति स्थापित करने पर जोर देते थे।

ये भी देखें:दिल्ली-एनसीआर समेत इन राज्यों में लगे भूकंप के तेज झटके, यहां था भूकंप का केंद्र

एकेडमी काउंसिल की मीटिंग में प्रस्ताव पास होने के बाद एचआरडी मंत्रालय को इसका प्रस्ताव भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलते ही दारा शिकोह यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग का एक पार्ट हो जाएंगे।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story