×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

सावधान दामाद-बहू! सरकार का बड़ा फैसला, अब ये नहीं किया तो होगी जेल

बुजुर्गों की सेवा और ख्याल रखने को लेकर सरकार बड़े फैसले लेने की तैयारी की है। घर में रहने वाले बुजुर्गों की सेवा करना अब सिर्फ बेटे ही नहीं, बल्कि बहू और दामाद के साथ सौतेले बच्चों की भी जिम्मेदारी होगी।

Dharmendra kumar
Published on: 5 Dec 2019 2:19 PM IST
सावधान दामाद-बहू! सरकार का बड़ा फैसला, अब ये नहीं किया तो होगी जेल
X

नई दिल्ली: बुजुर्गों की सेवा और ख्याल रखने को लेकर सरकार बड़े फैसले लेने की तैयारी की है। घर में रहने वाले बुजुर्गों की सेवा करना अब सिर्फ बेटे ही नहीं, बल्कि बहू और दामाद के साथ सौतेले बच्चों की भी जिम्मेदारी होगी। केंद्र सरकार ने बुजुर्गों की देखभाल की परिभाषा तय करने वाले मेंटिनेंस ऐंड वेलफेयर ऑफ पैरंट्स ऐंड सीनियर सिटिजन ऐक्ट 2007 में कुछ और चीजों को शामिल की हैं। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को ऐक्ट में यह संशोधन पास किया।

नए नियम के मुताबिक माता-पिता और सास-ससुर को भी शामिल किया गया है, चाहे वे सीनियर सिटिजन हों या नहीं। उम्मीद है कि अगले हफ्ते इस बिल को सदन में पेश किया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि सरकार इसमें अधिकतम 10 हजार रुपये मेंटिनेंस देने की सीमा को भी खत्म कर सकती है।

यह भी पढ़ें...चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर बोला बड़ा हमला, पूछा ये सवाल

देखभाल करने वाले ऐसा करने में विफल होते हैं, शिकायत करने पर उन्हें 6 महीने कैद की सजा हो सकती है, जो अभी तीन महीने है। देखभाल की परिभाषा में भी बदलाव कर इसमें घर और सुरक्षा भी शामिल किया गया है। देखभाल के लिए तय की गई राशि का आधार बुजुर्गों, पैरंट्स, बच्चों और रिश्तेदारों के रहन-सहन के आधार पर किया जाएगा।

यह भी पढ़ें...कर्नाटक में 15 सीटों पर उपचुनाव, जानिए क्यों जरूरी है बीजेपी के लिए 6 सीटें जीतना

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इस प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बिल लाने का मकसद बुजुर्गों का सम्मान सुनिश्चित करना है। प्रस्तावित बदलावों में देखभाल करने वालों में गोद लिए गए बच्चे, सौतेले बेटे और बेटियों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि संशोधन में सीनियर सिटीजन केयर होम्स के पंजीकरण का प्रावधान है और केंद्र सरकार स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए न्यूनतम मानक निर्धारित करेगी।

यह भी पढ़ें...ताजा हुआ सिख दंगा का दर्द! पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कही ये बड़ी बात

इस विधेयक के मसौदे में होम केयर सर्विसेज प्रदान करने वाली एजेंसियों को पंजीकृत करने का प्रस्ताव है। बुजुर्गों तक पहुंच बनाने के लिए प्रत्येक पुलिस अधिकारी को एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करना होगा।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक इस विधेयक से बुजुर्गों के शारीरिक और मानसिक कष्ट में कमी आएगी। इसके अलावा इस नए बिल से देखभाल करने वाले भी बुजुर्गों के प्रति ज्यादा संवेदनशील और जिम्मेदार बनेंगे।



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story