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मरकज में रोजाना जुटते थे इतने हजार लोग, जांच में जुटा क्राइम ब्रांच
दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तब्लीगी जमात के मरकज से कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद से ही देश में COVID- 19 के केस में काफी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई।
नई दिल्ली: दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तब्लीगी जमात के मरकज से कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद से ही देश में COVID- 19 के केस में काफी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई। अब जांच में ये सामने आए है कि मरकज में हर रोज देश और विदेश से 4 से 5 हजार लोग जुटते थे। ये लोग हर रोज मरकज आते थे और चले जाते थे। अब यहां आने वाले लोगों से उनके देश और मरकज में आने की वजह पूछी जा रही है।
क्राइम ब्रांच ने शुरु की पूछताछ
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच में यह बात सामने आई है। क्राइम ब्रांच इस मामले में मरकज से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है। हालांकि अपराध शाखा अभी फोन पर ही यह पूछताछ कर रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इनसे सामने से पूछताछ करने से परहेज किया जा रहा है।
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10 से ज्यादा की जा चुकी है लोगों से पूछताछ
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले 10 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। ज्यादातर लोगों से वहीं जानकारी मिली है, जो यहां से बरामद रजिस्टरों में लिखी है। रजिस्टरों में सबसे जरुरी कॉलम मरकज में आने का कारण है। वहीं विदेशों से आने वाले लोगों का अलग रजिस्टर तैयार होता था। पूछताछ के दौरान भी ज्यादातर लोगों ने बताया कि मरकज में आने का कारण पूछा जाता था।
इन पदाधिकारियों को भेजा गया नोटिस
जो लोग यहां जमात के लिए आते थे, उन्हें मरकज में रोका जाता था। वहीं बाकी लोगों को वापस भेज दिया जाता था। बता दें कि 1927 में मौलाना इलियास में जमात की शुरुआत की थी। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि मरकज के अमीर (मुखिया) मौलाना मोहम्मद साद के अलावा अन्य 6 पदाधिकारियों, जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हैं, को भी नोटिस भेज दिया गया है। दर्ज FIR में मौलाना मोहम्मद साद के अलावा मोहम्मद अशरफ, मुफ्ती शहजाद, डॉ. जीशान, मुरसालीन सैफी, मो. सलमान और यूनुफ का नाम शामिल है। इन्हें भी दूसरा नोटिस भेजकर सवाल पूछे गए हैं। पुलिस ने इस नोटिस का जवाब जल्द देने को कहा है।
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गृह मंत्रालय को रोजाना भेजी जा रही रिपोर्ट
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा हर रोज तब्लीगी मरकज मामले की जांच रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जा रही है। बताया जाता है कि गृह मंत्रालय इस जांच रिपोर्ट को सभी राज्यों के साथ साझा करता है। सूत्रों के मुताबिक क्राइम ब्रांच ने ज्यादातर जमातियों के फोन नंबर गृह मंत्रालय को दे दिए हैं।
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