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पीएम की अपील पर डॉक्टरों की ये प्रतिक्रिया, केयर्स फंड में दान देने से किया इनकार

कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर फंड के जरिये सहयोग करने की अपील की थी, लेकिन AIIMS के डॉक्टरों ने दान देने से इनकार कर दिया है। वहीं कहा कि इस संकट के समय जब जान जोखिम में डाल स्वास्थ्यकर्मी दिन रात काम कर रहे हैं, तो उनका वेतन काटा नहीं जाना चाहिए बल्कि अतिरिक्त रिस्क सैलरी मिलनी चाहिए। 

Shivani Awasthi
Published on: 10 April 2020 10:43 PM IST
पीएम की अपील पर डॉक्टरों की ये प्रतिक्रिया, केयर्स फंड में दान देने से किया इनकार
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर फंड के जरिये सहयोग करने की अपील की थी, लेकिन AIIMS के डॉक्टरों ने दान देने से इनकार कर दिया है। वहीं कहा कि इस संकट के समय जब जान जोखिम में डाल स्वास्थ्यकर्मी दिन रात काम कर रहे हैं, तो उनका वेतन काटा नहीं जाना चाहिए बल्कि अतिरिक्त रिस्क सैलरी मिलनी चाहिए।

एम्स ने स्वास्थ्यकर्मियों के एक माह का वेतन काटने का लिया फैसला

दरअलस, दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (aims) प्रबंधन ने पीएम केयर्स फंड के लिए अपने कर्मचारियों के एक दिन का वेतन काटने का फैसला लिया था, जिसके खिलाफ प्रतिक्रिया देते हुए डॉक्टरों ने पीएम केयर्स फंड में अनुदान देने से असहमति जताई है।

aiims delhi

पीएम केयर्स फंड में दी जाएगी स्वास्थ्यकर्मियों की सैलरी

एम्स के रेजीडेंट डॉक्टरों के संगठन ‘आरडीए’ ने इस मामले में प्रबंधन के फैसले पर आपत्ति जताते हुए निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। बता दें कि पीएम केयर फंड के लिए वेतन कटौती की असहमति देने वाले संगठन में लगभग 2500 से ज्यादा डॉक्टर शामिल हैं।

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डॉक्टरों ने पीएम केयर्स फंड में दान से किया इनकार

इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि वह देश और देशवाशियों को बचाने के लिए अपनी जिम्मेदारी आखिरी सांस तक निभाएंगे, लेकिन प्रबंधन द्वारा लिया गया निर्णय किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए। महामारी या आपातकाल के नाम पर लोगों का, ख़ास करके स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता।

डॉक्टरों ने बताई असहमति की ये वजह

उन्होंने कहा कि अधिकतर डॉक्टर पहले ही निजी स्तर पर दान दे चुके हैं, ऐसे में दान देने का निर्णय स्वैच्छिक होना चाहिए।.आरडीए ने प्रबंधन को भी इस बाबत चिट्ठी भेज दी है। जिसके कहा गया कि दिन रात जान जोखिम में डाल कर काम करने वालों का वेतन काटना नहीं चाहिए बल्कि अतिरिक्त रिस्क राशि का भुगतान किया जाना चाहिए।

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एम्स प्रबंधन ने रेजीडेंट डॉक्टरों की मांग को ठुकराया

लेकिन एम्स प्रबंधन ने रेजीडेंट डॉक्टरों की मांग को ठुकरा दिया और कहा की जो भी इस नेक उद्देश्य का हिस्सेदार नहीं बनना चाहता, उसे औपचारिक तौर पर इनकार करना होगा।

गौरतलब है कि स्वास्थ्यकर्मियों की सैलरी काटे जाने का ये पहला मामला नहीं है। एम्स के अलावा राम मनोहर लोहिया अस्पताल और अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के डॉक्टरों की एक दिन का वेतन काट कर पीएम फंड में देने का फैसला हुआ, जिसपर डॉक्टरों ने असहमति जाहिर की।

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Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

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