कृषि कानूनों पर भड़के केजरीवाल, फाड़ी कानून की कॉपी, केंद्र पर साधा निशाना

विधानसभा सत्र के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कृषि कानूनों पर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कृषि कानून की कॉपी फाड़ दी।

Shreya
Published on: 17 Dec 2020 12:12 PM GMT
कृषि कानूनों पर भड़के केजरीवाल, फाड़ी कानून की कॉपी, केंद्र पर साधा निशाना
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अरविंद केजरीवाल ने कृषि कानून की कॉपी फाड़ी

नई दिल्ली: केंद्र के कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Kisan Aandolan) अभी भी जारी है। किसानों के प्रदर्शन को कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है। कांग्रेस हो या AAP कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। केवल इतना ही नहीं केजरीवाल ने विधानसभा सत्र के दौरान कृषि कानून की कॉपी तक फाड़ दी।

केंद्र सरकार और कितने किसानों की जान लेगी?

विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि 20 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं। रोज एक किसान शहीद हो रहा हैं। मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता और कितनी शहादत और कितनी जान आप लोगे? उन्होंने कहा कि एक एक किसान भगत सिंह बनकर आंदोलन में बैठा है। सरकार अंग्रेजों से बदतर ना बने। उन्होंने इस दौरान सीएम योगी की रैली का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने बरेली में रैली की और तीनों कानूनों के फायदे बताने लगे कि तुम्हारी जमीन नहीं जाएगी, मंडी बंद नहीं होगी।

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kejriwal (फोटो- सोशल मीडिया)

भाजपाइयों को किया गया है भ्रमित

केजरीवाल ने कहा कि भाजपा बताएं कि इस कानून से क्या फायदा होने वाला है? उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी वालों को एक लाइन रटवा दी गई है कि किसान देश में कहीं भी फसल बेच सकेंगे। हवा में बात करने से क्या होगा? यहां तक उन्होंने कहा कि किसानों को नहीं बल्कि भाजपा वालों को भ्रमित किया गया है, उन्हें अफीम खिला दी गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि ये कानून भाजपा के चुनाव के फंडिंग के लिए बने हैं।

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कृषि कानूनों को किया गया खारिज

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा मोदी सरकार के कृषि कानूनों को खारिज कर रही है। केंद्र अंग्रेज से बदतर ना बने और कानून को वापस ले। दिल्ली विधानसभा में कृषि कानूनों को निरस्त करने का संकल्प पत्र स्वीकार कर लिया गया है। बता दें कि केजरीवाल सरकार शुरूआत से ही इस कानून का विरोध कर रही है और किसानों की तरफ से आवाज उठा रही है। सरकार का कहना है कि देश के किसानों की मांगों के साथ दिल्ली सरकार एवं आम आदमी पार्टी मज़बूती के साथ खड़ी है।



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