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गृह मंत्रालय के फैसले से हिली ममता, बंगाल के 3 अफसर केंद्र में तैनात
गृह मंत्रालय ने जेपी नड्डा के काफिले के हमले वाले मामले में लापरवाही के आरोप में बंगाल के तीन IPS अधिकारियों पर केंद्र ने बड़ा फैसला लिया है। जिसके चलते इन्हें केंद्र में तैनात कर दिया गया है। ऐसे में गृह मंत्रालय(MHA) ने IPS कैडर रूल 6(1) के तहत यह कारवाई की।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर बीते दिनों हुए पथराव के बाद अब गृह मंत्रालय(MHA) ने बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय ने फैसला लेते हुए मामले में लापरवाही के आरोप में बंगाल के तीन IPS अधिकारियों पर केंद्र ने बड़ा फैसला लिया है। जिसके चलते इन्हें केंद्र में तैनात कर दिया गया है। ऐसे में गृह मंत्रालय(MHA) ने IPS कैडर रूल 6(1) के तहत यह कारवाई की। हालाकिं केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार में एक बार फिर से टकराव बढ़ सकता है। वहीं इस पर सीएम ममता बनर्जी ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
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IPS अधिकारियों को तत्काल कार्य मुक्त
गृह मंत्रालय(MHA) ने बंगाल के जिन तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति (सेंट्रल डेप्युटेशन) पर सेवा के लिए पत्र लिखकर बुलाया था, उनको ममता बनर्जी सरकार ने भेजने से मना कर दिया था। जिसके बाद आज फिर से गृह मंत्रालय(MHA) ने बंगाल सरकार को पत्र लिखा है। ऐसे में इस पत्र में कहा गया है कि तीनों IPS अधिकारियों को तत्काल कार्य मुक्त किया जाए।
आपको बता दें कि इन तीन अधिकारियों के नाम हैं- राजीव मिश्र, प्रवीण कुमार त्रिपाठी और भोलानाथ पांडे, जिनको गृह मंत्रालय(MHA) ने तत्काल दिल्ली बुलाया है। गृह मंत्रालय(MHA) ने पत्र में साथ ही ये भी कहा कि यदि राज्य उन्हें कार्य मुक्त नहीं करती है तो ये DoPT के क्लॉज 6(1) A का उल्लंघन होगा।
फोटो-सोशल मीडिया
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एसपी के पद पर तैनात
ऐसे में गृह मंत्रालय(MHA) ने भोलानाथ पांडे को 4 साल के लिए BPRD में एसपी के पद पर तैनात किया है। प्रवीण कुमार त्रिपाठी को SSB में DIG के पद पर पांच साल के लिए भेजा है। इसके साथ ही राजीव मिश्रा को ITBP में पांच साल के लिए आईजी के पद भेजा है। इस बाबत गृह मंत्रालय ने बंगाल के गृह सचिव और डीजीपी को चिठ्ठी लिख कर जानकारी दी।
हालाकिं इस मामले पर सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य की आपत्ति के बावजूद पश्चिम बंगाल के 3 सेवारत IPS अधिकारियों के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का आदेश IPS कैडर नियम 1954 के आपातकालीन प्रावधान की शक्ति का दुरुपयोग है। आगे उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण कर रहा है। यह असंवैधानिक और पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
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