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इस अधिकारी ने लाल किला में नहीं होने दिया तिरंगे का अपमान, ऐसे बचाई देश की शान
लाल किले में हुई हिंसा में सबसे ज्यादा 141 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। परिसर में तोड़फोड़ करने के अलावा हुड़दंगियों ने पुलिसकर्मियों को किले की खाई तक में फेंक दिया था। इससे कई पुलिसकर्मी को गंभीर चोटें आई थीं।
नई दिल्ली: 26 जनवरी के दिन आंदोलनरत किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली निकाली गई थी, जिसमें उपद्रवियों ने काफी उत्पात मचाया। हजारों किसानों में से एक जत्था उस दौरान लाल किले में प्रवेश कर गया और वहां प्राचीर पर निशान साहिब का झंडा लगा दिया। यही नहीं यहां पर तिरंगे को वहां से हटाकर नीचे भी फेंक दिया गया, लेकिन वहां तैनात एक आईपीएस ऑफिसर ने देश की आन, बान और शान पर आंच नहीं आने दी।
अधिकारी ने तिरंगे को गिरने से बचाया
इस आईपीएस अधिकारी ने तिरंगे को नीचे गिरने से पहले ही पकड़ लिया। ये बात दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आई है। पुलिस ने लाल किले से किसान संगठनों के चार से पांच झंडे बरामद किए हैं। लाल किले में हुई हिंसा में सबसे ज्यादा 141 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। परिसर में तोड़फोड़ करने के अलावा हुड़दंगियों ने पुलिसकर्मियों को किले की खाई तक में फेंक दिया था। इससे कई पुलिसकर्मी को गंभीर चोटें आई थीं।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
जांच में सामने आई ये बातें
अब तक की जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि आंदोलन में शामिल उपद्रवियों ने लाल किले के अंदर लाइटिंग और बाहर टिकटघर तोड़ दिया। उन्होंने बड़ी संख्या में लाल किले में लगे सीसीटीवी कैमरों को भी तोड़ दिया। यही नहीं वहां से आरोपी 20 से ज्यादा कारतूस लूटकर ले गए। अब इस मामले में उत्तरी जिले के कोतवाली थाने में थानाध्यक्ष रितुराज की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
दीप सिद्धू और लखवीर सिंह ने किया उपद्रवियों का नेतृत्व
जांच में यह भी सामने आया है कि पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू और पंजाब के गैंगस्टर लखवीर सिंह उर्फ लक्खा सिधाना ने उपद्रवियों का नेतृत्व किया था। इन दोनों ने ही वहां पर हिंसा कराई। पुलिस को इस संबंध में एक वीडियो भी मिला है, जिसमें दोनों को उपद्रवियों का नेतृत्व करते देखा जा सकता है। लेकिन हिंसा को बढ़ते देख दोनों वहां से फरार हो गए। अब पुलिस दोनों को पूछताछ में शामिल होने के लिए जल्द नोटिस जारी करेगी।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
हालांकि मामले में दीप सिद्धू ने एक वीडियो जारी कर अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई देते हुए कहा था कि वो लाल किला तब पहुंचे जब लाल किले का दरवाजा खोल दिया गया और वहां पर पहले से ही सैकड़ों ट्रैक्टर और किसान मौजूद थे।
10 बजे तक उपद्रवियों का रहा कब्जा
वहीं मामले में उपद्रवियों के खिलाफ सबूत इकट्ठे करने के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, मंगलवार को उपद्रवियों ने रात करीब 10 बजे तक लाल किले पर कब्जा कर रखा। वहां पर उन्होंने तोड़फोड़ की और पुलिसकर्मियों को खाई में फेंक दिया।
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