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किसान आंदोलन में ना हो तबलीगी जमात जैसी दिक्कत, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने आज नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों और अन्य लोगों द्वारा कोरोना वारयस को लेकर जारी की गई गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर चिंता जताई है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है। किसान बीते एक महीने से भी ज्यादा समय से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर बैठे हुए हैं और धरना दे रहे हैं। कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच कई दौरे की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई नतीजा सामने नहीं आया है। इस बीच गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आंदोलन में कोरोना के हालात को लेकर चिंता जताई है।
कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर जताई चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने आज नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों और अन्य लोगों द्वारा कोरोना वारयस को लेकर जारी की गई गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर चिंता जताई है। SC ने पूछा कि क्या आंदोलन में कोरोना को लेकर नियमों का पालन किया जा सकता है? सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि हमें नहीं पता कि किसान वायरस से सुरक्षित हैं भी या नहीं। कोर्ट ने कहा कि अगर नियमों का पालन नहीं किया गया तो फिर तबलीगी जमात जैसी समस्या हो सकती है।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
कई जमाती मिले थे कोरोना संक्रमित
गौरतलब है कि बीते साल कोरोना लॉकडाउन के दौरान तबलीगी जमात का मामला सामने आया था। बीते साल मार्च महीने में दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए थे और फिर अलग-अलग राज्यों में चले गए थे। मरकज में शामिल हुए कई लोग कोरोना संक्रमित मिले थे। उन पर कोरोना नियमों को तोड़ने का आरोप लगा था। वहीं मरकज केस और लॉकडाउन के दौरान भीड़ इकट्ठा करने की इजाजत दोने को लेकर एक जनहित याचिका भी दायर की गई थी।
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इस याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा था कि निजामुद्दीन मरकज में विदेशी प्रतिनिधियों के साथ बड़ी तादाद में लोगों को इकट्ठा होने की परमिशन देकर लाखों लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डाला गया था। इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था। एससी ने कहा कि हमें नहीं पता कि किसान कोविड से सुरक्षित हैं भी या नहीं। किसानों के आंदोलन में अगर कोरोना नियमों का पालन नहीं किया गया तो फिर तबलीगी जमात जैसी ही परेशानी सामने आ सकती है। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम हालात के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।
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