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दिल्ली: सरकारी स्कूलों में बेहतर रहा 10वीं का रिजल्ट, जानिए इसके पीछे की वजह
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर पहले से काफी बेहतर हुआ है। अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी अच्छे नम्बरों के साथ पास हो रहे हैं साथ ही स्कूल का रिजल्ट पहले के मुकाबले इस साल अच्छा रहा है।
दिल्ली: राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा पूर्व में लिए गये महत्वपूर्ण निर्णयों का असर अब दिखाई देने लगा है।
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर पहले से काफी बेहतर हुआ है। अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी अच्छे नम्बरों के साथ पास हो रहे हैं साथ ही स्कूल का रिजल्ट पहले के मुकाबले इस साल अच्छा रहा है।
ताजा उदाहरण इस साल की दसवीं की बोर्ड परीक्षा है। बोर्ड परीक्षा में इस साल दिल्ली सरकार के स्कूलों का प्रदर्शन उम्मीद से ज्यादा अच्छा रहा।
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परीक्षा के रिजल्ट को लेकर एक तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। जिसे देखने पर पता चलता है कि गणित विषय पास करने वाले बच्चों की संख्या में लगभग 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
जिस कारण सरकारी स्कूलों की दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के पास प्रतिशत में उछाल आया है। ये बढ़ोतरी गणित विषय में बेहतर प्रदर्शन करने के कारण ही मुमकिन हो पाई है।
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दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए दसवीं का पास प्रतिशत शुरू से रही समस्या
बताते चले कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए शुरू से ही दसवीं कक्षा का पास प्रतिशत एक समस्या रही है, लेकिन इस साल 10वीं का रिजल्ट शानदार रहा है। वर्ष 2018-19 में पास प्रतिशत 71.58% था, जबकि 2019-20 का पास प्रतिशत 82.61% तक रहा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पास प्रतिशत में उछाल की संभावना इसलिए भी अधिक थी, क्योंकि सीबीएसई ने 'new basic mathematics' का विकल्प इस बा छात्रों को दिया था। जिसे सरकारी स्कूलों के अधिकतर छात्र-छात्राओं द्वारा चुना गया था।
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इस साल, ज्यादातर छात्रों ने 1,11,298 छात्रों ने 'new basic mathematics' का विकल्प चुना था, इससे पहले 42,612 छात्रों ने स्टैंडर्ड मैथ्स का विकल्प चुना था।
सरकार के शिक्षा विभाग ने अब इसके परिणामों का एक विस्तृत विश्लेषण जारी किया है, जो इस बात पर मुहर लगाता है। पिछले साल, गणित के पेपर में 1,66,129 छात्र उपस्थित हुए थे, जिसमें 1,22,404 यानी 73.68% छात्र पास हुए थे।
उनमें से अधिकांश छात्र जिन्होंने स्टैंडर्ड गणित का ऑप्शन चुना था, वे बच्चे इस विषय में सहज हैं और 96.49% छात्रों ने परीक्षा पास की है। जो बच्चे विषय के साथ सहज नहीं हैं उनका पास प्रतिशत 85.28 रहा।
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