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Defamation Case: अब उद्धव ठाकरे मानहानि के मामले में फंसे, दिल्ली हाईकोर्ट ने जारी किया समन
Defamation Case: शेवाले की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत, पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने उन सांसदों और विधायकों के बारे में आपत्तिजनक बयान दिया है, जिन्होंने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया था।
Defamation Case: मानहानि के केस में राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि देश के एक और चर्चित राजनेता के खिलाफ इस मामले में समन जारी हो गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, उनके विधायक पुत्र आदित्य ठाकरे और राज्यसभा एमपी संजय राउत को नोटिस जारी किया है। अदालत तीनों को अगली सुनवाई में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी राहुल रमेश शेवाले ने तीनों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा ठोका था।
शेवाले की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत, पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने उन सांसदों और विधायकों के बारे में आपत्तिजनक बयान दिया है, जिन्होंने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया था। उनकी इस याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने शिवसेना उद्धव गुट के तीनों नेताओं को 17 अप्रैल को पेश होने का आदेश दिया है।
सामाना के जरिए छवि धूमिल करने का आरोप
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शिवसेना शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले ने उद्धव गुट के मराठी मुखपत्र सामना पर उनकी छवि को धूमिल करने का आरोप भी लगाया है। सामना में प्रकाशित एक लेख में दावा किया गया था कि शेवाले का पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में एक होटल है। जिसे शेवाले ने खारिज किया है। उन्होंने अदालत में दायर याचिका में सामना के संपादक और रिपोर्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि उनके बारे में ऐसी झूठी जानकारी फैलाकर उनके सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई गई है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी मिला नोटिस
शिंदे गुट के सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपत्तिजनक बयानों का दिखाने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी नोटिस जारी किए गए हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर, गूगल, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी कंपनियों से पूछा है कि क्या अभी भी आपके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इन तीनों (उद्धव, आदित्य, संजय राउत) द्वारा विधायकों और सांसदों को लेकर दिए गए बयानों को लेकर पोस्ट है। उन्हें यह बताने के लिए कहा गया है कि ऐसे बयानो को आखिर अभी तक क्यों नहीं हटाया गया।
बता दें कि पिछले साल शिवसेना में बगावत के कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी। इस बगावत की अगुवाई कद्दावर शिवसेना नेता रहे मौजूद सीएम एकनाथ शिंदे ने की थी। उनके समर्थन में आधे से अधिक सांसद और विधायक लामबंद हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने बीजेपी के समर्थन से राज्य में सरकार बना ली। तब से उद्धव ठाकरे, उनके पुत्र आदित्य ठाकरे और सांसद संजय राउत एकनाथ शिंदे और उनका समर्थन करने वाले शिवसेना सांसदों और विधायकों पर हमलावर हैं। उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि शिंदे ने 2 हजार करोड़ में शिवसेना का चुनाव चिह्न खरीदा है।